Hathras News : सत्संग में मची भगदड़ में 116 लोगों की हुई मौत, आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन?

UPT | ट्रामा सेंटर के बाहर लोग

Jul 03, 2024 02:36

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ जीटी रोड पर गांव फुलरई मुगलगढ़ी के निकट आयोजित संत्सग कार्यक्रम के समापन की गूंजे लखनऊ तक पहुंची। सत्संग मची भगदड़ में 116 लोगो की हुई मौत।

Hathras News : यूपी के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ एक साथ 116 मौतों का जिम्मेदार कौन है। यह सवाल हर व्यक्ति के जहन में है। इस सवाल का जबाव केवल उन्हीं लोगों को नहीं चाहिए। जिन्होंने अपने परिजनों को खोया बल्कि आम लोग भी आखिर यह जानना चाहते है कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन है। 

इस हादसे का जिम्मेदार कौन?
सिकंदराराऊ जीटी रोड पर फुलरई मुगलगढ़ी के निकट आयोजित संत्सग कार्यक्रम के समापन के बाद वहां जो हादसा हुआ। उसे सुनकर लोगों की रुह कांप उठी। इस हादसे की गूंज लखनऊ तक गूंजी तो डीजीपी और मुख्य सचिव को हाथरस आना पड़ा, लेकिन एक साथ इतना बड़ा हादसा हाथरस के इतिहास में पहली बार हुआ। इस हादसे का जिम्मेदार कौन है। यह सवाल हर कोई जानना चाहता है। प्रशासन का तर्क है कि कार्यक्रम की विधिवत रुप से अनुमति दी गयी। प्रशासन की माने तो अनुमति अस्सी हजार लोगों की दी गयी, परन्तु वहां भीड़ एक लाख से अधिक जमा हो गई। 

कोई एम्बुलेंस थी और ना ही कोई दमकल की गाड़ी
लोगों की माने तो भोले बाबा के संत्सग की तैयारियां कोई एनवक्त नहीं हुई। पिछले पन्द्रह दिनों से कार्यक्रम स्थल की साफ सफाई का दौर चल रहा था। भोले बाबा के अनुयाई खुद मैदान को आकर साफ कर रहे थे। इस कार्यक्रम में भोले बाबा के अनुयाईयों के साथ में पुलिस से ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था रहती है। भोले बाबा की सुरक्षा में लगे भक्तों का एक ड्रेस कोड है। सभी लोग उसी ड्रेस कोड में नजर आते है। 
पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों की माने तो अस्सी हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन हैरत इस बात की है कि इतनी बड़ी संख्या में जीटी रोड पर भीड़ जमा होने का न्यौता देने के बाद पुलिस प्रशासन के कोई आला अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर मुस्तैद नजर नहीं आये। जबकि कम से कम चार पुलिस उपाधीक्षक,एसडीएम के अलावा काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहना था,लेकिन प्रशासन ने चंद पुलिसकर्मियों के अस्सी हजार लोगों की सुरक्षा हवाले कर डाली। अगर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होती तो शायद यह हादसा नहीं होता। कार्यक्रम स्थल पर न तो कोई एम्बुलेंस थी और ना ही कोई दमकल की गाड़ी। हाथरस। पुलिस प्रशासन ने अगर पहले ही सावधानी बरती होती तो निश्चित तौर पर इन बेकसूर लोगों की जिंदगानी बच जाती। पुलिस प्रशासन ने भोले बाबा संत्सग को गंभीरता से नहीं लिया। सबसे बड़ी चूक तो यह भी सिकंदराराऊ के थाना प्रभारी तक कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचे।

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