अयोध्या में सर्किल रेट में वृद्धि की संभावना : कीमतों में हो सकती है दोगुनी वृद्धि, 4 सितंबर तक मांगें गए सुझाव

UPT | सर्किल रेट में वृद्धि

Aug 31, 2024 02:55

अयोध्या में जमीन की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सात साल के लंबे अंतराल के बाद जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। नई दरें मौजूदा दरों से डेढ़ से दो गुना अधिक हो सकती हैं।

Ayodhya News : अयोध्या में जमीन की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सात साल के लंबे अंतराल के बाद जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। गुरुवार को जिला अधिकारी (डीएम) ने प्रस्तावित सर्किल रेट की सूची जारी की और नागरिकों से इस पर सुझाव मांगे हैं। नई दरें मौजूदा दरों से डेढ़ से दो गुना अधिक हो सकती हैं, जिससे अयोध्या के प्रमुख क्षेत्रों में जमीन की कीमतें बढ़ सकती हैं। सुझाव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 4 सितंबर रखी गई है, इसके बाद ही नई दरों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

कब-कब हुआ सर्किल रेट में बदलाव
अयोध्या उत्तर प्रदेश के उन 54 जिलों में शामिल है, जहां सर्किल रेट को आखिरी बार 2017 में बदला गया था। इस बीच, 21 जिलों में 2023 में सर्किल रेट में बदलाव किया गया था। अयोध्या के पड़ोसी जिलों जैसे बाराबंकी, अंबेडकर नगर, गोंडा, बस्ती, और सुल्तानपुर में भी दरों में संशोधन किया गया था। हालांकि, 2022 में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले स्थानीय प्रशासन ने सर्किल दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उस समय इसे लागू नहीं किया गया था।

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सर्किल रेट क्या है?
सर्किल रेट, एक ऐसी प्रणाली है जिसका उपयोग जमीन की रजिस्ट्री और ट्रांसफर के दौरान शुल्क निर्धारण में किया जाता है। जब कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है या उसे अपने नाम पर ट्रांसफर कराता है, तो उसे रजिस्ट्री चार्ज और स्टाम्प शुल्क सरकार को देना होता है। इस शुल्क की गणना जमीन के सर्किल रेट के आधार पर की जाती है। सर्किल रेट सरकार या स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा तय की जाती है और यह भूमि के विभिन्न कारकों पर निर्भर होती है। एक ही क्षेत्र में सर्किल रेट अलग-अलग हो सकते हैं और समय-समय पर बदलते भी रहते हैं।

जमीन की खरीददारी में चुकानी पड़ेगी कीमत
इस बढ़ोतरी से अयोध्या में जमीन की खरीददारी करने वाले लोगों को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है, और इससे जमीन के लेन-देन की प्रक्रिया पर भी असर पड़ सकता है। डीएम ने इस बदलाव को लेकर जनसामान्य से प्राप्त सुझावों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है, ताकि एक संतुलित और उचित दर तय की जा सके।

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