यूपी के इस शहर से है ईरान के सुप्रीम लीडर का संबंध : यहीं जन्मे थे खामनेई के दादा, लेकिन फिर पलायन किया और बदल दिया इतिहास

UPT | यूपी के इस शहर से है ईरान के सुप्रीम लीडर का संबंध

Oct 04, 2024 21:23

अयातुल्लाह अली खामनेई के पूर्वज बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव किंतूर से हैं। उनके दादा, सैयद अहमद मूसवी हिंदी, का जन्म 1790 में इस गांव में हुआ था।

Short Highlights
  • यूपी से है ईरान के सुप्रीम लीडर का संबंध
  • किंतूर में जन्मे थे खामनेई के पूर्वज
  • अवध के राजा के साथ पहुंचे थे ईरान
Barabanki News : आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। ईरान ने इजराइल पर 200 से अधिक रॉकेट दागे हैं, जिसके परिणामस्वरूप इजराइल को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है। ईरान ने इन हमलों को नसरल्लाह और गाजा के नेता इस्माइल हानिया की मौत के प्रतिशोध में अंजाम दिया है। इस स्थिति ने मिडिल ईस्ट में तनाव को और बढ़ा दिया है। इस बीच, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई का नाम भी सुर्खियों में है। लेकिन क्या आपको पता है कि ईरान के सुप्रीम लीडर का संबंध उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से है? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं।

किंतूर में जन्मे थे खामनेई के पूर्वज
अयातुल्लाह अली खामनेई के पूर्वज बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव किंतूर से हैं। उनके दादा, सैयद अहमद मूसवी हिंदी, का जन्म 1790 में इस गांव में हुआ था। इसके बाद, उन्होंने ईरान के खुमैन गांव में जाकर बसने का फैसला किया।  सैयद अहमद ने अपने नाम के साथ 'हिंदी' जोड़कर अपने भारतीय मूल को बनाए रखा।



अवध के राजा के साथ पहुंचे थे ईरान
सैयद अहमद मूसवी हिंदी ने 1830 में 40 साल की उम्र में अवध के नवाब के साथ ईरान की यात्रा की। इराक होते हुए जब वह ईरान पहुंचे, तो उन्होंने वहां बसने का निर्णय लिया। उनके बेटे अयातुल्ला मुस्तफा हिंदी इस्लामी धर्मशास्त्र में विद्वान बने और उनके पोते रुहुल्लाह खामनेई (अयातुल्ला अली खामनेई) ने 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति का नेतृत्व किया।

इस्लामी क्रांति ने बदली दिशा
ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति ने देश की दिशा बदल दी, जहां खामनेई ने एक कट्टरपंथी इस्लामिक गणराज्य की स्थापना की। उनके नेतृत्व में ईरान ने पश्चिमी संस्कृति को नकारते हुए एक रूढ़िवादी समाज का निर्माण किया। खामनेई की राजनीतिक विचारधारा ने ईरान को एक ऐसे देश में बदल दिया, जहां इस्लामी कानूनों का पालन किया जाता है। इस क्रांति के बाद, खामनेई ने न केवल ईरान के राजनीतिक परिदृश्य को आकार दिया, बल्कि वैश्विक इस्लामी राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाल ही में, अयातुल्लाह खामनेई ने भारत के मुसलमानों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक विवादास्पद बयान दिया था।  भारतीय विदेश मंत्रालय ने उनके बयान का कड़ा विरोध किया, और कहा कि उन्हें अपने देश में हो रहे घटनाक्रम पर पहले विचार करना चाहिए।

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