Barabanki News : देवा मेले में गैर प्रांतों से आईं दुकानें, लोगों को भा रहा नमकीन और मीठा खाजा...

UPT | देवा मेले में लगीं खाजे की दुकानें।

Oct 23, 2024 13:35

देवा मेले में खजला या खाजा की बिक्री सबसे अधिक होती है। किसी एक जिले से नहीं, बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से एक दर्जन से अधिक खजले की दुकानें सज गईं हैं। सुबह से लेकर देर रात तक इसकी बिक्री हो रही है। यहां आने...

Barabanki News : देवा मेले में खजला या खाजा की बिक्री सबसे अधिक होती है। किसी एक जिले से नहीं, बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से एक दर्जन से अधिक खजले की दुकानें सज गईं हैं। सुबह से लेकर देर रात तक इसकी बिक्री हो रही है। यहां आने वाले मेलार्थियों को नमकीन के साथ मिठास का स्वाद भी यह खजला और खाजा दे रहा है। खास बात यह है कि आधा दर्जन से अधिक कारीगरों और उनकी टीम कच्चे माल के साथ मेले में माल तैयार कर रहे हैं। विभिन्न जिलों से बाबा के दरगाह पर आने वाले जायरीन व मेलार्थी खजला खरीदकर मेले को यादगार बना रहे हैं।

डीएम की पत्नी ने किया उद्घाटन
दस दिवसीय ऐतिहासिक देवा मेला की शुरुआत शनिवार की शाम को जिलाधिकारी की पत्नी के हाथों हो चुकी है। भले ही सरकारी तौर पर यह मेला दस दिनों तक चलता हो, लेकिन वैसे मेले की भीड़ और उत्साह करीब एक माह तक बनी रहती है। इस बीच, छपरा स्कूल से लेकर भयारा मोड़ तक यानी करीब तीन किलोमीटर की दूरी में सजी दर्जनों खजला की दुकानें अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं। जहां सुबह से लेकर देर रात तक खजला के शौकीन नमकीन और मीठा खजला के साथ खोवा वाले खजले को टेस्ट कर घर ले जाने के लिए खरीददारी कर रहे हैं। 

बिक्री में आएगी तेजी
एटा से आए दुकानदार कमलेश बताते हैं कि इस बार खजला 80 रुपये से लेकर 120 रुपये किलो तक मिल रहा है। खोवा वाला खजले की बात ही कुछ और है। इसी तरह बुलंदशहर व महोबा के दुकानदार मुरली और नैमिष ने बताया कि मेले की अभी शुरुआत हुई है, लेकिन शुरू में ही अच्छी दुकानदारी देखने को मिल रही है। इसी प्रकार अन्य खजला और खाजा की दुकान लगाने वाले गैर जिलों जैसे इटावा, महोबा, औरैया, कानपुर के दुकानदारों ने भी बताया कि जैसे-जैसे मेला परवान चढ़ेगा, बिक्री में तेजी आती जाएगी। क्योंकि बाबा के दर पर आने वाले जायरीन व मेलार्थी खजला व खाजे को प्रसाद के रूप में लेकर जाते हैं।

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