सीबीआई ने छावनी बोर्ड कार्यालय पर मारा छापा : रिश्वत लेने के आरोप में दो कर्मचारियों को किया गिरफ्तार, स्थानीय लोगों ने लगाए गंभीर आरोप

UPT | सांकेतिक फोटो

Oct 23, 2024 19:33

छावनी परिषद कार्यालय में मंगलवार शाम से ही सीबीआई टीम कागज़ातों को खंगाल रही है। कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को और एक अवर अभियंता को 10-10 हजार रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार किया है।

Short Highlights
  • घूस लेते पकड़े अवर अभियंता अमित से की गई पूछताछ
  • जेई के कार्यालय में डाक्यूमेंटस खंगालने में जुटी सीबीआई
  • मुख्य गेट बंद कराया, सभी कर्मचारियों के मोबाइल स्वीच ऑफ

Ayodhya News : कैंटोनमेंट बोर्ड के जेई अमित के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की। जेई अमित से पूछताछ के साथ ही आवास पर कागजातों को सीबीआई अफसर खंगाल रहे हैं। खास बात यह कि छापे के दौरान स्थानीय लोग भी जुट गए। सीबीआई अफसरों के सामने ही पूर्व सीईओ यशपाल सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कैंटोनमेंट बोर्ड में रह रहे लोगों के जर्जर मकान को मरम्मत करने के लिए सीईओ यशपाल सिंह ने हर किसी से दो-दो लाख रुपये मांगे थे। जिन्होंने दिए उनके मकान बन रहे जिन्होंने नहीं दिए उनके मकान पर ताला लग गया। स्थानीय लोगों ने सीबीआई रेड को सही बताया।

बता दें कि अयोध्या के छावनी परिषद कार्यालय में मंगलवार शाम से सीबीआई की टीम ने दस्तावेजों की गहन जांच-पड़ताल शुरू की। इस छापेमारी के दौरान, सीबीआई ने कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विजय कुमार और एक जूनियर इंजीनियर अमित कुमार को 10-10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इसके बाद कार्यालय को पूरी तरह सील कर दिया गया और सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन स्विच ऑफ या साइलेंट मोड पर कर दिए गए। छावनी परिषद के मुख्य गेट पर पुलिस की कड़ी निगरानी है, जिससे कोई भी अंदर या बाहर नहीं जा सकता। यहां तक कि पत्रकारों को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है।


टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत पर पहुंची सीबीआई टीम
सूत्रों के अनुसार, छावनी परिषद में टेंडर प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के मामले में पहले भी जांच की जा चुकी है। एक ठेकेदार की शिकायत पर सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार देर शाम कार्यालय पर छापा मारा। सबसे पहले, टीम ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विजय कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इसके बाद सीबीआई ने विजय कुमार से पूछताछ की, जिसके आधार पर जूनियर इंजीनियर अमित कुमार को भी हिरासत में लिया गया। सूत्र बताते हैं कि अमित कुमार को भी रिश्वत के 10 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई टीम ने जूनियर इंजीनियर अमित के आवास पर भी छानबीन की और उसके कब्जे में मौजूद दस्तावेजों की जांच की। मंगलवार देर शाम से ही सीबीआई टीम कार्यालय के कागजात खंगाल रही है। यह छापेमारी दो महीने पहले की गई जांच का हिस्सा है, जिसमें सीबीआई और रक्षा संपदा विभाग की दिल्ली टीम ने भी भाग लिया था।

अचानक पहुंची सीबीआई टीम, ऑफिस सील कर जांच में जुटी
सीबीआई की टीम मंगलवार देर शाम करीब आठ बजे छावनी परिषद कार्यालय में एक गाड़ी में सवार होकर पहुंची। चार-पांच लोगों की इस टीम ने कार्यालय के कर्मचारियों को बुलाकर ऑफिस खुलवाया और तुरंत दस्तावेजों की जांच में जुट गई। रातभर चलने वाली इस जांच के दौरान, कार्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया और सभी कर्मियों को अंदर ही रोक लिया गया।

सीबीआई टीम की जांच के दौरान, सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन को बंद या साइलेंट मोड पर रखवाया गया, ताकि कोई बाहरी संपर्क न हो सके। इससे पहले, दो महीने पहले भी सपा के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे ने छावनी परिषद कार्यालय में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस आरोप की जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम ने दोबारा कार्यालय का दौरा किया और जांच की।

लगातार दूसरी बार छापेमारी से हड़कंप
छावनी परिषद कार्यालय में दो महीने के अंदर दूसरी बार सीबीआई का छापा चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय लोग और राजनीतिक हलकों में इस छापेमारी को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। एक ओर जहां सीबीआई की लगातार कार्रवाई से विभागीय कर्मियों में खलबली मच गई है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि आखिरकार छावनी परिषद में किस स्तर तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है।

सीबीआई की इस जांच में छावनी परिषद में हुए टेंडर घोटालों और रिश्वतखोरी के मामलों की गहन छानबीन की जा रही है। जांच के दौरान, सीबीआई ने विभिन्न कागजात, बैंक खातों और लेन-देन के रिकॉर्ड की जांच की, ताकि इस घोटाले की तह तक पहुंचा जा सके। सीबीआई की इस कार्यवाही ने विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारियों के कामकाज पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रशासन की सख्ती और भविष्य की कार्यवाही
अयोध्या के छावनी परिषद में हुई इस छापेमारी को प्रशासनिक सख्ती के तौर पर देखा जा रहा है। जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी का मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश देना है। सीबीआई की यह कार्रवाई दिखाती है कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जांच के बाद सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी, जिसमें दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। स्थानीय नागरिकों को उम्मीद है कि इस जांच के बाद छावनी परिषद कार्यालय में पारदर्शिता और ईमानदारी से काम किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी। इस तरह की सख्ती से जहां एक ओर छावनी परिषद में सुधार की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े कर्मचारी और अधिकारी अब अपने कामकाज में और अधिक सतर्क रहेंगे। सीबीआई की इस कार्रवाई ने क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक नई दिशा देने का काम किया है। 

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