अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर एक्सप्रेस-वे निर्माण की तैयारी :  5000 करोड़ रुपये का बजट, दो चरणों में होगा काम

UPT | Ayodhya-Prayagraj Highway

Sep 05, 2024 15:14

एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए एअरफोर्स और यूपीडा से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना आवश्यक होगा, क्योंकि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की एयर स्ट्रिप और क्रॉसिंग इस परियोजना पर असर डाल सकती है...

Ayodhya News : अयोध्या और प्रयागराज के बीच हाईवे के बाईं ओर अब फोरलेन की जगह एक नया एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। इस 90 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कुल 5000 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की राशि भी शामिल है। परियोजना को तीन साल के भीतर पूरा करने की योजना है।



पूर्व में यात्रा के दौरान हो रही समस्याओं और लंबी दूरी की यात्रा में सुरक्षा की चिंताओं को देखते हुए मंत्रालय ने योजना में बदलाव किया है। अब अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के बाईं ओर किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर नया एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। योजना का डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की टीएएसपीएल को दी गई है। नया एक्सप्रेस-वे प्रतापगढ़ जिले के गोंडे गांव सोनावां से लेकर अयोध्या के भरत कुण्ड तक 90 किलोमीटर की दूरी में बनाया जाएगा।

एक्सप्रेस-वे की चौड़ाई और निर्माण विवरण
परियोजना के डीपीआर के अनुसार, एक्सप्रेस-वे की चौड़ाई 38 मीटर होगी। इसमें प्रत्येक दिशा में 15-15 मीटर का मुख्य मार्ग, 2 मीटर का फुटपाथ और सर्विस रोड शामिल होंगे। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ सुरक्षा उपाय किए जाएंगे और बीच में मवेशियों या अन्य वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।

दो चरणों में होगा निर्माण
निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा, प्रत्येक चरण की लंबाई 45 किलोमीटर होगी। पहले चरण में अयोध्या भरत कुण्ड परिक्रमा स्थल से कटका तक 45 किलोमीटर की दूरी पर निर्माण होगा, जबकि दूसरे चरण में कटका से गोंडे गांव सोनावां तक 45 किलोमीटर की दूरी पर काम किया जाएगा। कुल बजट का 60% मुआवजे और 40% निर्माण पर खर्च होगा।

एनओसी की आवश्यकता
एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए एअरफोर्स और यूपीडा से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना आवश्यक होगा, क्योंकि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की एयर स्ट्रिप और क्रॉसिंग इस परियोजना पर असर डाल सकती है।

आरओबी और सेतु निर्माण
निर्माण कार्य के दौरान आधा दर्जन आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) और अन्य सेतुओं का निर्माण होगा। इसमें लखनऊ-वाराणसी रेल खंड पर एक ओवरब्रिज और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे क्रॉसिंग पर 18 मीटर ऊंचाई वाला फ्लाईओवर शामिल है। गोमती नदी पर छह लेन का पुल और अन्य सड़कों पर भी सेतुओं का निर्माण होगा। बाइक और अन्य ग्रामीण वाहनों के लिए एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

सुल्तानपुर के राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधिशासी अभियंता, विकास कुमार सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य यूपीडा और एयरफोर्स से एनओसी मिलने और 5000 करोड़ रुपये की परियोजना के अनुमोदन के बाद शुरू किया जाएगा। प्रत्येक चरण को पूरा करने में दो साल लगेंगे और अगर अनुमोदन एक साथ होता है, तो पूरे परियोजना को दो साल में पूरा किया जा सकता है, अन्यथा तीन साल भी लग सकते हैं।

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