मुस्लिम कैदी ने रामलला को भेजा नजराना : जियाउल हसन ने जेल में झाड़ू लगाने के बदले मिले 1075 रुपये दान किए

UPT | रामलला

Feb 29, 2024 12:31

फ़तेहपुर जेल के एक मुस्लिम कैदी ने रामलला के लिए नजराना भेजा है। कैदी जियाउल हसन को जेल में झाड़ू लगाने के बदले जो मेहनताना मिला, उसे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दान खाते में जमा कर दिया।

Short Highlights
  • जियाउल हसन मूल रूप से फतेहपुर के राम जानकीपुरम का रहने वाला है
  • मुस्लिम राम भक्त जियाउल हसन जेल में झाड़ू लगाने का कार्य करता है
Ayodhya News : भगवान राम के दिव्य और भव्य मंदिर में स्थापित होने से पहले से लेकर आज तक हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार रुपये, सोना, चांदी, अनाज, कपड़े आदि विभिन्न रूपों में श्रद्धा निवेदित कर रहा है। कई मुस्लिम श्रद्धालु भी दर्शन के लिए अयोध्या मंदिर आ रहे हैं। हर दिन करीब 2 लाख राम भक्त अयोध्या में रामलला की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी 2024 के बाद यह चलन और भी ज्यादा बढ़ गया है। फतेहपुर जेल में बंद ऐसे ही एक मुस्लिम ने श्रीराम भक्ति की मिसाल कायम की है। जेल में काम के बदले मिले पैसों को उन्होंने अयोध्या राम मंदिर के लिए दान कर दिया है।

डेढ़ महीने का मेहनताना 1075 का चेक मंदिर पहुंचा
फतेहपुर जेल में बंद कैदी जियाउल हसन ने जेल में काम करने के बदले जो मेहनताना मिला उसे दान कर गंगा जमुनी तहजीब ही नहीं सामाजिक समरसता की वास्तविक मिशाल कायम की है। दरअसल, फतेहपुर जेल में बंद एक मुस्लिम राम भक्त जियाउल हसन जेल में झाड़ू लगाने का कार्य करता है। इसके बदले में उसे कुछ रुपये मेहनताना भी मिलता है। लेकिन प्रभु राम की प्रेरणा से इस मुस्लिम भक्त ने अपने डेढ़ महीने की कमाई को रामलला को समर्पित कर दिया। मुस्लिम रामभक्त ने बीते 17 जनवरी को राम मंदिर ट्रस्ट को 1075 रुपये का दान समर्पित किया है। 

जियाउल हसन प्रभु के लिए कुछ भी करने को तैयार 
जियाउल हसन मूल रूप से फतेहपुर के राम जानकीपुरम का रहने वाला है और उन्होंने अपने डेढ़ महीने की कमाई को प्रभु राम के मंदिर निर्माण में दान दिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि जियाउल हसन प्रभु राम को 1075 रुपये का चेक राम मंदिर ट्रस्ट के नाम पर भेजा है। जेल में कैदियों को कम करने का पैसा मिलता है। इतना ही नहीं प्रकाश गुप्ता ने बताया कि कैदी ने राम भक्त होने का प्रमाण पेश किया है। बताया कि चार-पांच पीढ़ी पहले सभी मुस्लिम हिंदू ही थे, लेकिन जब इंसान को अपनी स्थिति मालूम होती है तो वह प्रभु के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।

Also Read