सुल्तानपुर के गांव में सात समुंदर पार से आई विदेशी दुल्हन : फ्रांस में पढ़ाई के दौरान परवान चढ़ा प्यार, अब बौद्ध रीति-रिवाज से रचाई शादी

UPT | सुल्तानपुर के गांव में सात समुंदर पार से आई विदेशी दुल्हन

Aug 25, 2024 18:17

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का पखरौली गांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस छोटे से गांव में एक अनोखी शादी का आयोजन हुआ, जिसमें सात समुंदर पार से आई फ्रांस की नीना सेलाडा यहां की बहू बनीं।

Sultanpur News : उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का पखरौली गांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस छोटे से गांव में एक अनोखी शादी का आयोजन हुआ, जिसमें सात समुंदर पार से आई फ्रांस की नीना सेलाडा यहां की बहू बनीं। नीना की शादी गांव के एक युवक शुभांकर प्रकाश भारतीय से हुई, और इस प्रेम कहानी की शुरुआत फ्रांस में हुई थी, जहां दोनों की मुलाकात पढ़ाई के दौरान हुई थी।

फ्रांस में परवान चढ़ा प्यार
शुभांकर प्रकाश भारतीय, जो पखरौली गांव के एक साधारण परिवार में पले-बढ़े, हमेशा से पढ़ाई में उत्कृष्ट रहे हैं। नवोदय विद्यालय में टॉप करने के बाद, उन्होंने पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी से फाइन ऑफ आर्ट्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक लाने के बाद शुभांकर को स्कॉलरशिप मिली, जिसके तहत वह 2020 में फ्रांस गए। फ्रांस में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात नीना सेलाडा से हुई। नीना, जो फ्रांस की रहने वाली हैं, और शुभांकर के बीच दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई।

बौद्ध रीति-रिवाज से हुई शादी 
प्यार परवान चढ़ने के बाद शुभांकर और नीना ने शादी का फैसला कर लिया। नीना सेलाडा, अपनी मां वेरोनिका और कुछ अन्य सगे-संबंधियों के साथ भारत आईं। बीते सप्ताह, सारनाथ में बौद्ध रीति-रिवाज से दोनों ने शादी कर ली। इस शादी में दोनों के परिवार के साथ ही कुछ करीबी दोस्त और रिश्तेदार भी शामिल हुए। सारनाथ में हुई इस अंतरराष्ट्रीय प्रेम कहानी की शादी ने सभी को भावुक कर दिया।



गांव के लोग हुए भावविभोर 
शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा सड़क मार्ग से सुल्तानपुर के पखरौली गांव के लिए रवाना हुआ। गांव पहुंचने पर नीना का स्वागत पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाज से किया गया। गांव के लोगों ने नीना का खुले दिल से स्वागत किया और उसे आशीर्वाद दिया। यह शादी पखरौली और आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बन गई है। लोगों ने इसे प्यार और संस्कृतियों के मिलन का अनोखा उदाहरण बताया।

शुभांकर की प्रेरणादायक यात्रा
शुभांकर की जीवन यात्रा भी अपने आप में प्रेरणादायक है। गरीबी में पले-बढ़े होने के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से उच्च शिक्षा प्राप्त की और फ्रांस तक का सफर तय किया। उनके जीवन की यह नई शुरुआत गांव के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है। 

अंतरराष्ट्रीय प्रेम कहानी का सुखद अंत
इस प्रेम कहानी का सुखद अंत देखकर सभी खुश हैं। नीना और शुभांकर की शादी ने यह साबित कर दिया कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती। यह शादी इस बात का जीता जागता सबूत है कि संस्कृतियों और भौगोलिक सीमाओं को पार कर भी दो दिल एक हो सकते हैं। शुभांकर और नीना की यह अनोखी शादी पखरौली गांव के लिए हमेशा यादगार रहेगी, और यह प्रेम कहानी आने वाले समय में भी लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी।

समाज को मिला एक संदेश
शुभांकर और नीना की कहानी समाज को यह संदेश देती है कि प्यार और सम्मान की कोई सीमा नहीं होती। उन्होंने यह दिखाया कि संस्कृतियों के बीच सेतु बनाकर किस तरह से प्यार को एक नए आयाम पर ले जाया जा सकता है। इस शादी ने सभी को यह सिखाया कि सच्चे प्यार और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। इस अंतरराष्ट्रीय प्रेम कहानी ने साबित कर दिया कि जब दो दिल मिलते हैं, तो वे दुनिया की हर रुकावट को पार कर सकते हैं। 

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