हिंदी दिवस समारोह : बलिया में साहित्य और संस्कृति का उत्सव

UPT | हिंदी प्रचारिणी सभा के चलता पुस्तकालय में हिंदी दिवस पर सम्मानित किए गए साहित्यकार।

Sep 14, 2024 22:19

बलिया नगर में हिंदी दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय साहित्यकारों, शिक्षाविदों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

Ballia News : बलिया नगर में हिंदी दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय साहित्यकारों, शिक्षाविदों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम हिंदी प्रचारिणी सभा बलिया द्वारा टाउन हॉल के चलता पुस्तकालय में आयोजित किया गया था।

अतिथियों के स्वागत में मधुर गीत किए प्रस्तुत
समारोह की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात साहित्यकार डॉ. रघुवंश मणि पाठक, सतीश चंद्र कॉलेज के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीपति कुमार यादव, पर्यावरणविद् डॉ. गणेश पाठक और दूबे छपरा डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में टीडी कॉलेज के संगीत विभाग ने विशेष योगदान दिया। विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद उपाध्याय और उनकी टीम ने मां सरस्वती की वंदना के साथ-साथ अतिथियों के स्वागत में मधुर गीत प्रस्तुत किए। इसके अलावा, शिवजी पांडेय रसराज द्वारा लिखित हिंदी के विकास पर एक रचना को भी संगीतमय रूप में प्रस्तुत किया गया।

21 हिंदी साहित्य सेवियों को किया सम्मानित
समारोह के पहले सत्र में एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें 75 वर्ष से अधिक आयु के 21 हिंदी साहित्य सेवियों को 'हिंदी भाषा गौरव सम्मान' से नवाजा गया। सम्मानित व्यक्तियों में डॉ. जनार्दन राय, डॉ. रामबदन राय, डॉ. विश्राम यादव, डॉ. फतेहचंद बेचैन, डॉ. भोला प्रसाद आग्नेय, हैदर अली, अशोक जी, राधिका तिवारी और सुदेश्वर अनाम जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल थे। युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हुए लेखक अतुल राय और रंगमंच कलाकार ट्विंकल गुप्ता को भी सम्मानित किया गया।

हिंदी को बढ़ावा देने की कही बात
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी भाषा के वर्तमान स्थिति और भविष्य पर अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में इस बात पर जोर दिया कि हिंदी को केवल भावनाओं की भाषा नहीं, बल्कि रोजगार और व्यावहारिक जीवन से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी के उत्थान के लिए विशेष प्रयासों की मांग की। समारोह में स्थानीय स्कूलों के छात्रों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। फ़ीनिक्स इंटरनेशनल स्कूल के बारहवीं कक्षा के छात्रों ने एक लघु नाटिका और रंग कविता के माध्यम से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का संदेश दिया। उनकी प्रस्तुति में वर्तमान समय में हिंदी के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार और अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की गई।

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