Ballia News : बलिया के मृत शिक्षक की पत्नी को 53 लाख पांच हजार का मिला सहयोग

UPT | स्वर्गीय राजकुमार पांडेय।

Jun 28, 2024 18:29

टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) ने जिले के बांसडीह कस्बे के दिवंगत शिक्षक राजकुमार की पत्नी संगीता पांडेय को करीब 53 लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद पहुंचाई है। साथ ही प्रदेश के नौ और मृत शिक्षकों के परिजनों की…

Short Highlights
  • दो लाख 32 हजार से अधिक सदस्यों ने किया 23-23 रुपये का योगदान
  • टीम पहले भी जिले के छह शिक्षक परिवारों का कर चुकी है सहयोग
Ballia News : टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) ने जिले के बांसडीह कस्बे के दिवंगत शिक्षक राजकुमार की पत्नी संगीता पांडे पुत्र को करीब 53 लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद पहुंचाई है। साथ ही प्रदेश के नौ और मृत शिक्षकों के परिजनों की भी सहायता की गई। यह सहयोग 15 से 27 जून तक प्रदेश के दो लाख 32 हजार से अधिक शिक्षकों (जिले के 4685 शिक्षकों समेत) ने सीधे पीड़ित परिवार के किसी न किसी सदस्य के बैंक खाते में किया। प्रत्येक शिक्षक को मात्र 23 रुपये का सहयोग प्रत्येक परिवार को करना था। टीम इससे पहले भी जिले के छह मृत शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करा चुकी है। टीएससीटी की ओर से अब तक प्रदेश स्तर पर 186 दिवंगत शिक्षकों के परिवारवालों को मदद पहुंचाई गई है।

कुशीनगर में तैनात थे राजकुमार
बांसडीह कस्बे के दक्षिण टोला निवासी दिवंगत शिक्षक राजकुमार पांडे कुशीनगर जिले के दुदही ब्लाक अर्न्तगत प्राथमिक विद्यालय परोरही में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। 20 जनवरी 2024 को हृदयाघात से उनका निधन हो गया था। वह अपने पीछे पिता राजेश्वर पांडे (उनका निधन भी मार्च 2024 में ही हो गया), पत्नी के अलावा दो पुत्र सत्यम व शिवम को छोड़ गए थे। उनके निधन के बाद टीचर सेल्फ केयर टीम ने घर जाकर परिजनों से मुलाकात की और सहयोग कराने के लिए खाता नंबर आदि लिया।

कोरोना काल में हुआ था टीएससीटी का गठन
कोरोना काल के दौरान जब काल के गाल में समा रहे लोगों के आश्रितों का सहयोग करने में सरकार भी अपने को असमर्थ बता रही थी, उसी समय प्रयागराज के शिक्षक विवेकानंद, सुधेश पांडेय, महेन्द्र वर्मा, संजीव रजक, बबिता वर्मा, अंकिता, सुमन आदि ने परिषदीय शिक्षक साथियों के साथ मिलकर 26 जुलाई 2020 को टीचर्स सेल्फ केयर टीम की स्थापना की थी। टीएससीटी उसी समय से टीम से जुड़े किसी भी साथी के निधन पर उसके आश्रित को सीधे उनके खाते में सभी सदस्यों से सहयोग कराती है। 

नि:शुल्क है सदस्यता
टीएससीटी का सदस्य बनने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है। गूगल फार्म भरकर कोई भी खण्ड शिक्षा अधिकारी, डायट प्रवक्ता, माध्यमिक के शिक्षक, प्राथमिक के शिक्षक, उच्च शिक्षा के शिक्षक के अलावा क्लर्क, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, शिक्षामित्र, अनुदेशक आदि टीम के सदस्य बन सकते हैं। वर्तमान में टीम के करीब तीन लाख सदस्य हैं। इनमें से 50-60 हजार नियमित सहयोग नहीं कर रहे हैं।

सत्यम पांडेय ने कहा-पापा के चले जाने से मां के साथ ही हम दोनों भाई टूट गए थे। ग्रेजुएशन करके प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की योजना थी, तभी पापा का निधन हो गया। समझ में नहीं आ रहा था कि आगे क्या होगा। टीचर सेल्फ केयर टीम के माध्यम से जो सहयोग राशि मिली है उससे छोटे भाई को पढ़ाकर पापा के सपनों को पूरा करना है। संकट की इस घड़ी में सहयोग करने के लिए टीएससीटी के प्रदेश अध्यक्ष विवेकानंद समेत टीम के सभी सदस्यों का दिल से आभार।

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