बदलेगा कानून : आईपीसी गई, अब आ गई बीएनएस, सोमवार से बदलेंगे कायदे-कानून, दंड नहीं अब मिलेगा न्याय

UPT | फाइल फोटो

Jun 29, 2024 20:08

पुलिस और अदालतों की दुनिया में बड़ी हलचल है। करीब डेढ़ सदी से अधिक यानी 164 साल तक जो नहीं हुआ। वह होने जा रहा है। वह भी ठीक 24 घंटे के बाद, जब सोमवार का सूरज उगेगा तब देश में दंड नहीं, न्याय का...

Bareilly News : पुलिस और अदालतों की दुनिया में बड़ी हलचल है। करीब डेढ़ सदी से अधिक यानी 164 साल तक जो नहीं हुआ । वह होने जा रहा है। वह भी ठीक 24 घंटे के बाद, जब सोमवार का सूरज उगेगा तब देश में दंड नहीं, न्याय का उजाला लेकर आएगा। ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी खत्म हो जाएगी और नया कानून यानी भारतीय न्याय संहिता बीएनएस उसकी जगह ले लेगी। पुरानी आईपीसी में 511 धारायें थीं। अब केवल 358 बचेंगी। इसमें 21 नए अपराध जुड़े हैं, 41 में सजाएं बढ़ी हैं और छह किस्म के अपराधों में सजा के तौर पर सामुदायिक सेवा को जोड़ा गया है। 

पुलिस, प्रशासन और अदालत खुद को ढालने में लगे
कानून के इस बदले मिजाज के मुताबिक खुद को ढालने के लिए पुलिस प्रशासन और अदालत सभी अपनी अपनी तैयारी कर रहे हैं। 
एक जुलाई से पुलिस और न्याय व्यवस्था से जुड़े नए कानून देश भर में लागू किए जा रहे हैं। नए कानूनों के मुताबिक अब केस दर्ज कराने को लेकर पुलिस की आनाकानी खत्म हो जाएगी। पुलिस और अदालतों का सिस्टम पूरी तरह से इन नए कानूनों से प्रभावित होगा। जमीन पर भी इसको जानने समझने की तैयारी की जा रही हैं। शुरुआत के कुछ दिनों तक कुछ भ्रम रह सकता है लेकिन लगातार हो रहे प्रशिक्षण से काफी हद तक यह माना जा रहा है कि पुलिस और अदालतों का कामकाज जल्द ही पटरी पर आ जाएगा। सहायक निदेशक अभियोजन ने मीडिया  को बताया कि पुलिस लाइन और कलेक्ट्रेट में लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों को लगातार कानूनी प्राविधानों की जानकारी दी जा रही है। 

हर शुक्रवार को कार्यशाला करा रही है बार 
बरेली बार एसोसियेशन के अध्यक्ष मनोज हरित और सचिव वीरेन्द्र प्रसाद ध्यानी ने बताया कि एक जुलाई से लागू किए जाने वाले तीनों कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सम्बन्ध में बरेली बार एसोसियेशन के सभागार में हर शुक्रवार को विभिन्न कानून के ज्ञाताओं की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। 28 जून को एक कार्यशाला हो भी चुकी है। अब लगातार हर शुक्रवार को कार्यशाला आयोजित की जाएगी। 

अब दंड नहीं न्याय मिलेगा 
अब आईपीसी 154 नहीं बीएनएस 173 में दर्ज होगी एफआईआर, तकनीकि और फारेंसिंक के आधार पर तैयार हुआ नया कानून, इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 170 धारायें होंगी, 51 साल पुराने सीआरपीसी को बदलेगी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस), अब हत्या, लूट, बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी घर बैठे तुरंत होगी। ई-एफआईआर, वाइस रिकार्डिंग से भी दे सकते हैं सूचना। तीन दिन में थाने पहुंचकर करने होंगे साइन,जीरो एफआईआर–कहीं की भी घटना की कहीं भी एफआईआर हो सकेगी। क्षेत्र और सीमा विवाद पर नहीं टलेगा मामला, सारे दस्तावेज मिलेंगे, फरियादी को एफआईआर, बयान से जुड़े दस्तावेज, आरोपी से पूछताछ के बिन्दु आदि सभी कुछ कापी या पैनड्राइव में मिलेगा।

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