फूटा गुस्सा : न्यायालय से पत्रावली में से कागज गायब होने पर वकीलों का हंगामा, एसडीएम से की शिकायत, कार्रवाई की मांग

UPT | हंगामा करते अधिवक्ता।

Jul 01, 2024 02:05

बरेली देहात की फरीदपुर तहसील में नायब तहसीलदार के न्यायालय से पत्रावली में से कुछ कागज गायब होने पर वकीलों ने हंगामा किया। उन्होंने एसडीएम से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही सिविल कोर्ट में बार…

Bareilly News :  उत्तर प्रदेश के बरेली देहात की फरीदपुर तहसील में नायब तहसीलदार के न्यायालय से पत्रावली में से कुछ कागज गायब होने पर वकीलों ने हंगामा किया। उन्होंने एसडीएम से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही सिविल कोर्ट में बार एसोसिएशन के एजेंट के खिलाफ अधिवक्ताओं का एक गुट विरोध करने पर आमादा हो गया। इस पर दोनों गुटों में न्यायालय में ही हंगामा शुरू हो गया। बरेली देहात की फरीदपुर तहसील में अधिवक्ताओं का दिन अच्छा नहीं रहा। नायब तहसीलदार के न्यायालय से एक पत्रावली में से आपत्ति और वकालतनामा गायब हो गया। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता नन्हे बाबू ने आपत्ति दर्ज कर मीटिंग बुलाने की मांग की।

तहसील परिसर में हुई मीटिंग
फरीदपुर तहसील के बार एसोसिएशन सभागार में मीटिंग हुई। इसमें अधिवक्ताओं ने काफी रोष व्यक्त किया। अधिवक्ताओं का कहना था कि पत्रावली में से कागज गायब नहीं होने चाहिए थे। इसके बाद उसे पत्रावली में जजमेंट कर दिया गया। अधिवक्ता एकत्र होकर एसडीएम निधि दोदियाल के कार्यालय पर पहुंच गए। वहां पर अपनी समस्या बताई। एसडीएम निधि ने अधिवक्ताओं को आश्वासन किया कि इस संबंध में स्वयं जांच करेंगे। इसके साथ ही उचित कार्रवाई होगी।

दोनों गुटों में बनी सहमति
इस दौरान अधिवक्ताओं में नन्हे बाबू शर्मा, वीरेंद्र यादव, पीएम मिश्रा, शाहिद हुसैन, नरेश चंद्र शर्मा आदि अधिवक्ता मौजूद थे। इसके अलावा सिविल बार एसोसिएशन फरीदपुर द्वारा नो वर्क का एजेंडा जारी किया गया। पदाधिकारियों का कहना था कि 1 जुलाई से नया कानून लागू हो रहा है। इसलिए सभी अधिवक्ताओं के साथ विचार विमर्श कर नए कानून की विस्तृत रूप से जानकारी दी जाएगी, लेकिन अधिवक्ताओं का एक गुट एजेंडा को मानने को तैयार नहीं था। उनका कहना था कि अर्जेंट वर्क हो जाना चाहिए। इस पर दोनों गुट न्यायालय में आमने-सामने आ गए। बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रवीण भदोरिया और पूर्व अध्यक्ष के बीच हंगामा शुरू हो गया। काफी समय तक हंगामा होता रहा। इसके बाद दोनों गुटों में सहमति यह बनी कि, जो अभियुक्त जेल में हैं। उनकी पेशी करवा दी जाए। जिससे वह लोग बाहर आ सकें।

Also Read