डीडीयू प्रशासन का बड़ा निर्णय : एक साथ होंगी वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं, 9 अप्रैल से शुरू होंगे एग्जाम

UPT | दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय।

Mar 20, 2024 01:34

पहली बार गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन वार्षिक और सेमेस्टर एग्जाम को एक साथ आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। दरअसल,  लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में डीडीयू परिसर के बड़े हिस्से का इस्तेमाल निर्वाचन आयोग करता रहा है।

Gorakhpur News : वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन बड़ा निर्णय लेने जा रहा है। विश्विद्यालय प्रशासन ने अपने एनुअल एग्जाम की डेट घोषित कर दी है। इसी के साथ सेमेस्टर परीक्षाएं भी कराने की तैयारी है। 9 अप्रैल से 20 मई के बीच वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। जल्द ही सेमेस्टर परीक्षाओं की तारीख भी घोषित की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन का इसके पीछे का तर्क लोकसभा चुनाव में यूनिवर्सिटी कैंपस की व्यस्तता को लेकर दिया जा रहा है।

पहली बार साथ हो रहीं वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाएं
पहली बार गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन वार्षिक और सेमेस्टर एग्जाम को एक साथ आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। दरअसल,  लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में डीडीयू परिसर के बड़े हिस्से का इस्तेमाल निर्वाचन आयोग करता रहा है। इसके अंतर्गत चुनावी प्रशिक्षण, पोलिंग पार्टियों को रवाना करना, मतगणना के बाद मतपेटिका रखवाना, मतगणना तक में विश्वविद्यालय कैंपस का इस्तेमाल होता रहा है। इसे देखते हुए डीडीयू प्रशासन नहीं चाहता था कि चुनावी प्रक्रिया और परीक्षा की तिथियां टकराएं। अब चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद डीडीयू प्रशासन ने वार्षिक परीक्षा 9 अप्रैल से कराने की घोषणा कर दी है। अब गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर में चुनाव की तिथि 1 जून को पड़ने के बाद प्रशासन से तारतम्यता बैठाकर तिथियां घोषित की जाएंगी। इसके लिए जल्द ही जिला प्रशासन और डीडीयू प्रशासन बैठकर निर्णय लेंगे।

जून में परीक्षा नहीं करना चाहता डीडीयू
पिछले वर्षों में वार्षिक परीक्षाएं मार्च के दूसरे पखवारे में शुरू हो जाती थीं, जबकि सम सेमेस्टर की परीक्षाएं मई-जून में होती थीं। जून की चिलचिलाती धूप में पिछले वर्ष कई विद्यार्थी परीक्षा केंद्रों पर ही डिहाइड्रेशन के कारण बेहोश हो गए थे। इसे देखते हुए डीडीयू प्रशासन जून में परीक्षाएं नहीं कराना चाहता है। इसलिए इस बार परीक्षाएं 9 अप्रैल से शुरू कराई जाएगी। 20 मई के तक संपन्न कराने की योजना है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और सम्बद्ध कॉलेजों में करीब तीन लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इनमें 2.58 लाख विद्यार्थी सेमेस्टर परीक्षाओं में और करीब 40 हजार विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं।

क्या कहा कुलपति ने
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि जून के महीने में भीषण गर्मी होती है। जून में परीक्षाएं होने पर अगले सत्र में भी देरी होगी। मई के आखिरी और जून के पहले सप्ताह में चुनावी गतिविधियां संपन्न होंगी। चुनावों से परीक्षा की तिथियां न टकराएं और अगला सत्र भी समय से शुरू हो, इसे देखते हुए 9 अप्रैल से 20 मई के बीच परीक्षाएं संपन्न कराने की कोशिश की जाएगी। जिला प्रशासन से इसे लेकर सलाह लिया जाएगा। इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

अब तक सिलेबस पूरा नहीं
विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है जबकि अब तक यूनिवर्सिटी में संचालित होने वाले सम सेमेस्टर के किसी कोर्स का 60 फीसदी सिलेबस भी पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में जहां एक ओर विद्यार्थियों के ऊपर मानसिक दबाव बढ़ गया है तो वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई पूरी न होने के बावजूद लगातार परीक्षा होने की प्रथा बनती जा रही है।

हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि अगले सत्र को समय पर संचालित करने के लिए इस बार पहले ही परीक्षा कराई जा रही है। लेकिन पढ़ाई पूरी न होने और बैक टू बैक एग्जाम होने से परेशान छात्रों की समस्या पर भी डीडीयू प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि छात्रों की समस्या पर विचार किया जाएगा। कुलपति के सामने मामले को रखा जाएगा। एग्जाम डेट्स में बदलाव पर विचार किया जाएगा।

पहले भी कई बार बदलनी पड़ी है परीक्षा की तारीख 
यह कोई पहली बार नहीं है जब डीडीयू प्रशासन ने आधी- अधूरी तैयारियों के बीच परीक्षा की डेट घोषित की है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है और हर बार एग्जाम शेड्यूल में बदलाव करना पड़ा है। अभी पिछले सेमेस्टर एग्जाम में ही परीक्षा फार्म की प्रक्रिया पूरी हुए बिना ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एग्जाम शेड्यूल जारी कर दिया था, बाद में छात्रों की आपत्ति के बाद इसमें परिवर्तन किया गया। इसके बावजूद कुछ कोर्सेज में विद्यार्थियों को सिलेबस पूरा किए बिना ही परीक्षा में बैठना पड़ा था।
 

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