मनमानी : यहां दूरी मायने नहीं रखती, सड़क की सेहत के हिसाब से लगता है किराया, जानें क्यों हो रहा ऐसा...

UPT | ई-रिक्शा।

Feb 18, 2024 17:34

रामनाथ देवरिया पश्चिमी चौराहे कि ओर कोई भी ऑटो या ई-रिक्शा वाला जल्दी जाने को तैयार नहीं होता। जो तैयार होते है वह खराब सड़क का हवाला देकर कर भाड़ा अधिक मांगने लगते हैं। इसी तरह की परेशानी रागिनी मोड़ से रामगुलाम टोला पश्चिमी व पूर्वी जाने वालों को होती है।

Short Highlights
  • जर्जर सड़क पर पहुंचते ही मोलभाव करने लगते हैं ऑटो वाले
  • रामगुलाम टोला, खरजरवा, चटनी गड़ही मोहल्ला, दानोपुर आदि मोहल्लों में जाने से कतराते हैं ऑटो चालक
     
Deoria News (बैकुंठ नाथ शुक्ल) : शहर में ऑटो का किराया समझ पाना बड़ा मुश्किल है। यहां दूरी मायने नहीं रखती सड़क खराब है तो जेब ढीली करनी पड़ेगी। कहीं तीन किमी का रिजर्व किराया 70 रुपये है तो कहीं आधा किलोमीटर सफर के लिए 60 से 70 रुपये देना पड़ता है। राहगीरों व ऑटो वालों के बीच किराए को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं।

ऐसा ही वाकया रविवार को आईटीआई के पास देखने को मिला। दानोपुर निवासी शिवेश पांडेय बस स्टैंड से ऑटो रिजर्व करके पहुंचे थे। 70 रुपये रिजर्व किराया तय हुआ था। उन्हें मुख्य मार्ग से करीब आधा किलोमीटर अंदर दानोपुर जाना था। ऑटो वाला उसके लिए 50 रुपये अतिरिक्त मांगने लगा। शिवेश का कहना था कि तीन किलोमीटर आए हैं तो 70 रुपये दिए अब आधे किलोमीटर का किराया इतना कैसे। ऑटो चालक की दलील थी कि दानोपुर मोहल्ले की सड़क जर्जर है। इस पर चलने में ईंधन की खपत अधिक होती है। वाहन भी कबाड़ा होने लगता है। जो सड़कें अच्छी हैं उन पर हम लोग खुद ही किराया कम लेते हैं। ईंधन की खपत कम रहती है और वाहन भी सुरक्षित रहते हैं। जर्जर सड़कों की परेशानी से सिर्फ दानोपुर के लोगों की जेब ढीली नहीं होती बल्कि शहर के आठ से 10 वार्ड के लोगों को ऑटों वालों से जलालत झेलनी पड़ती है।

इन मोहल्ले के लोगों को करनी पड़ती है जेब ढीली
रामनाथ देवरिया पश्चिमी चौराहे कि ओर कोई भी ऑटो या ई-रिक्शा वाला जल्दी जाने को तैयार नहीं होता। जो तैयार होते है वह खराब सड़क का हवाला देकर कर भाड़ा अधिक मांगने लगते हैं। इसी तरह की परेशानी रागिनी मोड़ से रामगुलाम टोला पश्चिमी व पूर्वी जाने वालों को होती है। नहर तक सड़क बदहाल होने के कारण ई-रिक्शा चालक अधिक किराया वसूलते हैं। कोऑपरेटिव चौराहा से हनुमान मंदिर-देवरिया खास, नाथनगर, पिपरपाती, खरजरवा, पिड़रा चौराहा, चटनी गड़ही मोहल्ला आदि जगहों पर जाने वालों को किराया अधिक देना पड़ता है।

जाम वाले रास्तों पर भी बढ़ा देते हैं किराया
ऑटो चालक सिर्फ जर्जर सड़कों पर ही नहीं बल्कि जाम वाली सड़कों के हिसाब से भी किराया बढ़ाकर वसूलते हैं। इनमें कसया रेलवे ढाला, चकियवा ढाला, सिविल लाइंस शिव मंदिर से राघवनगर, ट्यूबवेल कॉलोनी से चकियवा मार्ग, कोऑपरेटिव चौराहा से देवरिया खास जाने का किराया अधिक लगता है।

सही ठिकाना न बताने वालों से होती है नोंकझोक
ऑटो चालक पदुमदेव ने बताया कि कई मोहल्लों की सड़कें जर्जर हो गई हैं। इस पर जाने में डीजल की खपत अधिक होती है। जाम वाले रास्तों पर जाने में भी नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए हमें किराया सड़क के हिसाब से लेना पड़ता है। 

टॉयर फटने का रहता है डर
ऑटो चालक गणेश ने बताया कि खराब सड़कों पर वाहन ले जाने से हर कोई बचना चाहता है। कई बार टायर फट जाने से कई दिनों की कमाई निकल जाती है। इसलिए वैसी सड़कों पर जाने के लिए किराया बढ़ाना पड़ता है। 

सड़क की खराबी से बढ़ा देते हैं किराया
पिपरपाती के अभय प्रताप शुक्ल ने बताया कि पोखरे के बगल से मोहल्ले जाने वाली सड़क बदहाल है। इससे भीखमपुर रोड के सभी ऑटो वाले परिचित हैं। वह रागिनी मोड़ से गांव की मुख्य सड़क तक रिजर्व किराया 50 रुपये लेते हैं। जबकि आधा किमी अंदर गांव में जाने के लिए सौ रुपये मांगते हैं। 

मनमाना किया वसूलते हैं ऑटो चालक
अधिवक्ता प्रकाश तिवारी निराला ने बताया कि शहर में दूरी के हिसाब से ऑटो या ई-रिक्शा का किराया निर्धारित होना चाहिए। जर्जर सड़क, जाम तो कभी रात के नाम पर ऑटो वाले मनमाना किराया वसूलते हैं। नगर पालिका व एआरटीओ को इसका संज्ञान लेना चाहिए। 

क्या कहा एआरटीओ ने 
एआरटीओ एके शुक्ला ने बताया कि शहर में ऑटो या ई-रिक्शा का किराया निर्धारित करने का विभागीय प्रावधान नहीं है। अगर कोई चालक किसी से नाजायज रुपये मांगता है तो इसकी शिकायत करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका परिषद देवरिया की अध्यक्ष अलका सिंह ने बताया कि शहर के ज्यादातर सड़कों की स्थिति ठीक है। जो सड़कें बदहाल हैं उनकी मरम्मत व निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्य कराया जाएगा।
 

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