गोरखपुर में बड़े घोटाले का खुलासा : अभियंताओं को 'डराने' वाले नेता के मोबाइल नंबर पर 45 कनेक्शन, जांच में जुटा बिजली विभाग

UPT | गोरखपुर में बड़े घोटाले का खुलासा

Aug 05, 2024 11:56

इस घोटाले की जड़ें काफी गहरी नजर आ रही हैं। जांच में पता चला है कि एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके विभिन्न इलाकों में कुल 45 बिजली कनेक्शन प्राप्त किए हैं। इनमें से नगरीय विद्युत वितरण खंड बक्शीपुर में ...

Gorakhpur News : गोरखपुर शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने खुद को विधायक पद का उम्मीदवार बताकर बिजली विभाग में अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया। संतोष गुप्ता नाम के इस व्यक्ति ने न केवल बिजली कर्मचारियों को धमकाया, बल्कि अभियंताओं को भी डराने की कोशिश की।

एक ही मोबाइल नंबर पर 45 बिजली कनेक्शन लिए
इस घोटाले की जड़ें काफी गहरी नजर आ रही हैं। जांच में पता चला है कि संतोष गुप्ता ने अपने एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके विभिन्न इलाकों में कुल 45 बिजली कनेक्शन प्राप्त किए हैं। इनमें से नगरीय विद्युत वितरण खंड बक्शीपुर में 20 कनेक्शन, टाउनहॉल खंड में 22 कनेक्शन, मोहद्दीपुर में दो और राप्तीनगर में एक कनेक्शन शामिल हैं।

बिजली निगम की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
एक साथ 45 कनेक्शन पर एक ही नंबर दर्ज होना बिजली निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है। कैसे एक व्यक्ति इतने सारे कनेक्शन प्राप्त करने में सफल हो गया, जबकि नियमों के अनुसार प्रत्येक कनेक्शन के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत जानकारी और दस्तावेज आवश्यक होते हैं?

इस मामले में और भी चिंताजनक बात यह है कि इन कनेक्शनों पर बड़ी मात्रा में बिजली बिल बकाया है। चूंकि वास्तविक उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर दर्ज नहीं हैं, इसलिए बिल की वसूली में भी कठिनाई हो रही है। इससे विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

ऐसे हुआ खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ जब गीताप्रेस नेहरू पार्क के पास निवासी संतोष बक्शीपुर के एसडीओ पुष्पेंद्र सिंह से मिलने गए। जब एसडीओ ने उनसे वास्तविक आवेदनकर्ता को बुलाने को कहा, तो वहां विवाद खड़ा हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाया गया और संतोष को कोतवाली थाने ले जाया गया। एसडीओ की शिकायत पर संतोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिस्टम में सुधार किए जाएंगे।

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