सोलर सिटी बनेगा गोरखपुर : योगी सरकार का प्रमुख शहरों को विकसित करने का लक्ष्य

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Aug 28, 2024 17:42

गोरखपुर जिला अब शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उन्नति के कारण नॉलेज और मेडिकल सिटी के रूप में जाना जाने लगा है, अब जल्द ही सोलर सिटी के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा।

Gorakhpur News : गोरखपुर जिला हाल के वर्षों में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उन्नति के कारण नॉलेज और मेडिकल सिटी के रूप में जाना जाने लगा है,अब जल्द ही सोलर सिटी के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के कुछ प्रमुख शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है और गोरखपुर इनमें से एक है। 

हर घर सोलर अभियान : गोरखपुर में 75000 सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य
गोरखपुर को सोलर सिटी बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत "हर घर सोलर अभियान" शुरू किया है। इस अभियान के तहत, गोरखपुर में 75000 आवासीय भवनों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण) के परियोजना अधिकारी गोविंद तिवारी ने बताया कि इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया http://pmsuryaghar.gov.in पोर्टल के माध्यम से संचालित हो रही है। इस योजना में शामिल होने वाले हर घर को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से भरपूर अनुदान दिया जा रहा है।

सोलर संयंत्र से मिलेगा बिजली खर्च में बचत का अवसर
इस योजना के अंतर्गत, 1 किलोवाट से 10 किलोवाट तक के घरेलू विद्युत कनेक्शनधारी अपने घर की छत पर सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित कर सकते हैं और 25 वर्षों तक बिजली खर्च में भारी बचत कर सकते हैं। 1 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार से 30000 रुपये और राज्य सरकार से 15000 रुपये, कुल 45000 रुपये का अनुदान प्राप्त होगा। इसी प्रकार, 2 किलोवाट के सोलर प्लांट पर केंद्र से 60000 रुपये और राज्य से 30000 रुपये, कुल 90000 रुपये का अनुदान मिलेगा। 3 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता के संयंत्र के लिए, केंद्र सरकार से 78000 रुपये और राज्य सरकार से 30000 रुपये, कुल 108000 रुपये का अनुदान मिलेगा। यह अनुदान सीधे लाभार्थी के खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजा जाएगा।

2 किलोवाट के सोलर संयंत्र से मासिक 2000 रुपये की बचत
यूपीनेडा के परियोजना अधिकारी गोविंद तिवारी ने बताया कि 2 किलोवाट के सोलर रूफटॉप प्लांट से उपभोक्ता प्रतिदिन लगभग 10 यूनिट बिजली बचा सकते हैं, जिससे लगभग 2000 रुपये की मासिक बचत होगी। इस संयंत्र को स्थापित करने के लिए लगभग 200 वर्गफीट की छत की आवश्यकता होगी। संयंत्र की कुल लागत लगभग 120000 रुपये होती है, जिसमें से 90000 रुपये की राशि अनुदान के रूप में एक महीने में वापस मिल जाती है। इस तरह 2 किलोवाट के संयंत्र पर लाभार्थी का वास्तविक खर्च मात्र 30000 रुपये रहेगा, जो लगभग 15 महीनों में बिजली खर्च की बचत के रूप में वापस हो जाएगा। 25 वर्षों में इस संयंत्र से उपभोक्ता को कुल 528000 रुपये का लाभ प्राप्त होगा। इस योजना में 5 साल तक मुफ्त मरम्मत और सर्विस की सुविधा के साथ-साथ सोलर मॉड्यूल पर 25 साल की गारंटी भी मिलेगी।

विभागवार जिम्मेदारी : सोलर सिटी का लक्ष्य
गोरखपुर में 75000 सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित करने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए विभागवार जिम्मेदारी भी तय की गई है। इसमें विभिन्न अधिकारियों समेत कुल 47 विभागों को टारगेट दिया गया है। सभी विभागाध्यक्ष अपने सेवारत और सेवानिवृत्त कार्मिकों के निजी घरों पर कम से कम 2 किलोवाट का सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित कराएंगे। गोरखपुर की यह नई पहचान न केवल शहर को ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर ले जाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगी। योगी सरकार की यह पहल गोरखपुर को देशभर में एक आदर्श सोलर सिटी के रूप में स्थापित करेगी। 

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