महराजगंज में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर एक्शन : जिला प्रशासन ने जारी की पहली सूची, 37 को भेजा नोटिस

UPT | उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा पर विवाद

Aug 04, 2024 14:37

उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी परिषदीय स्कूलों में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा शैक्षिक सुधार के नाम पर उठाया गया है, लेकिन इसने...

Maharajganj News : महराजगंज जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को नोटिस भेजने के बाद जिला प्रशासन हरकत में नजर आ रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किया था कि सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों के छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी परिषदीय स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसी क्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पहली लिस्ट जारी की जिसमें 37 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के नाम आए और क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में दाखिला लेने वाले गैर मुस्लिम बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाएं और दाखिला लेने वाले बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रदान करने की तैयारी करें।

मुस्लिम संगठनों ने आदेश को बताया असंवैधानिक
योगी सरकार के इस फरमान को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और दूसरे मुस्लिम संगठन गैरकानूनी बताकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इतना ही नहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सबसे बड़े मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद का एक प्रतिनिधिमंडल सरकार के इस आदेश को 'असंवैधानिक' और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करने वाली कार्रवाई बताते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। लेकिन शासन के निर्देश के मुताबिक अब इन बच्चों को परिषदीय स्कूलों में दाखिला दिलाने की तैयारी चल रही है।

उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम ने किया रियलिटी चेक
उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम ने जब एक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे में जाकर रियलिटी चेक किया तो पता चला कि बच्चों को यह तक नहीं पता कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है। वहीं मदरसा संचालकों का कहना है कि बच्चों को उच्च शिक्षा दी जा रही है और उन्हें सरकारी परिषदीय स्कूलों में भेजने की कोई जरूरत नहीं है। जब बच्चों को उनकी किताबें पढ़ते देखा गया तो वह अंग्रेजी या हिंदी नहीं बल्कि उर्दू किताबों से इस्लाम की शुरुआत की पढ़ाई करते नजर आए। 

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने किया आदेश का विरोध
अब ऐसे में जहां एक तरफ योगी सरकार बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकारी स्कूलों में औपचारिक शिक्षा देने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों समेत मुस्लिम लॉ बोर्ड और मुसलमानों के बड़े संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद के लोग सरकार के इस आदेश का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करने वाली कार्रवाई बता रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार का आदेश मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी आदेश की तैयारी में जुट गए हैं।

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