रामलीला मैदान विवाद : सीएम योगी तक पहुंचा मामला, सपा समर्थक पार्षद पति पर कमेटी ने लगाए गंभीर आरोप

UPT | गोरखपुर।

Feb 19, 2024 20:59

आरोप है कि पार्षद पति अपनी बेटी की सगाई में मुंबई में थे जबकि उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है कि रामलीला मैदान में भव्य आयोजन के लिए परिसर की मांग करने पर नहीं दिया गया। कमेटी ने सीएम योगी से पार्षद पति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

Gorakhpur News (अमित श्रीवास्तव) : बर्डघाट रामलीला कमेटी और सपा समर्थक पार्षद पति का विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। रामलीला कमेटी ने पार्षद पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कमेटी को बदनाम करने की साजिश रचने तक की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। 

आरोप है कि पार्षद पति अपनी बेटी की सगाई में मुंबई में थे जबकि उनकी तरफ से दावा किया जा रहा है कि रामलीला मैदान में भव्य आयोजन के लिए परिसर की मांग करने पर नहीं दिया गया। कमेटी ने सीएम योगी से पार्षद पति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उधर, पार्षद पति ने कमेटी द्वारा लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद बताए हैं। उनका कहना है कि जब भी परिसर को धार्मिक कामों के लिए मांगा गया है तब कमेटी ने उन्हें नहीं दिया है। उन्होंने कमेटी के मंत्री को 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए पत्र लिखा था, लेकिन मंजूरी नहीं दी गई। पेट्रोल पंप से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

क्या आरोप लगाया गया
श्री श्री रामलीला कमेटी बर्डघाट ने आरोप लगाया है कि आरोप लगाया है कि सपा समर्थक पार्षद के पति दिनेश गुप्ता कमेटी को बदनाम कर रहे हैं। कमेटी का आरोप है कि दिनेश गुप्ता के एक कथित रिश्तेदार पेट्रोल पंप खोल रहे थे जिसे एनजीटी के निर्देश पर जीडीए ने सील कर दिया था। तभी से कमेटी के बारे में दिनेश गलत बयानी कर रहे हैं। कमेटी के महामंत्री हरिद्वार वर्मा का कहना है कि दिनेश ने आरोप लगाते हुए कहा था कि संगठन के लोग हमारा सहयोग नहीं कर रहे हैं।

हरिद्वार ने बताया कि बर्डघाट रामलीला कमेटी के भवन का लोकार्पण दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। समिति के बैनर तले तरह-तरह के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य होते रहते हैं। यही नहीं शादी-विवाह आदि के लिए भी परिसर का इस्तेमाल किया जाता है। जो भी समय पर आवेदन करता है उसे परिसर दिया जाता है। इससे अर्जित आय से कई कार्य कराए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि टेंडर निकालकर इसके संचालन का जिम्मा एक पूर्व पार्षद को दिया गया था। कमेटी की तरफ से कई संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर एक खाता खोले जाने का अनुरोध किया गया था लेकिन खाता नहीं खुलवाया जा सका। कमेटी से जुड़े लोगों का आरोप है कि पार्षद के पति ने अपने घर के सामने जमीन कब्जा कर मंदिर बनवाया है और उसमें लोकार्पण के पहले भगवान के साथ अपने पिता की भी मूर्ति लगवा दी है। 

हालांकि इस मामले पर पार्षद पति का कहना है कि ऐसी कोई भी बात साबित नहीं हो सकती है। सारे के सारे आरोप निराधार हैं। जिस जमीन पर मंदिर बना है वह पुश्तैनी है। वही कमेटी की अध्यक्ष गणेश वर्मा का आरोप है कि सपा सरकार में दिनेश गुप्ता को जीडीए बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया था। शुरू से ही वह रामलीला कमेटी के लोगों पर अनर्गल आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।

गणेश ने दावा किया कि जिस वायरल वीडियो को रामलीला कमेटी का बताया जा रहा है वह काफी पहले के एक व्यापारी मिलन कार्यक्रम का है। इसमें कोई गलत बात या किसी के साथ दुर्व्यवहार जैसी घटना नहीं हुई है। पार्षद पति अब इस रामलीला कमेटी के सदस्यों का बताकर सामाजिक छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। 

क्या बोले अधिकारी
अपर जिलाधिकारी पुरुषोत्तम दास गुप्ता ने बताया कि आरोपों को लेकर पक्ष रखने के लिए रामलीला कमेटी के मंत्री को पत्र लिखा गया था उनकी ओर से कुछ जवाब आए हैं। आरोपों की जांच की जा रही है।
 

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