शारदीय नवरात्र : तीन दिनों तक आराधना में लीन रहेंगे सीएम योगी, कन्या पूजन के बाद निकलेगी भव्य शोभायात्रा

UPT | गोरक्षपीठाधीश सीएम योगी आदित्यनाथ नवमी को करेंगे कन्या पूजन

Oct 09, 2024 16:55

गुरुवार (10 अक्टूबर) को नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर महानिशा पूजन और हवन कर लोक कल्याण की कामना करेंगे। शुक्रवार (11 अक्टूबर) को सुबह 11 बजे गोरक्षपीठ में मातृशक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक कन्या पूजन का अनुष्ठान होगा।

Short Highlights
  • गोरक्षपीठ में गुरुवार को होगी महानिशा पूजा, शुक्रवार को कन्या पूजन करेंगे मुख्यमंत्री 
  • शनिवार को श्रीनाथ जी के विशिष्ट पूजन के बाद  निकलेगी विजयादशमी शोभायात्रा 
Gorakhpur News : शिवावतार गुरु गोरखनाथ की तपस्थली गोरक्षपीठ पर शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा से चल रहे अनुष्ठानिक कार्यक्रम गुरुवार से और अधिक विशिष्टता की ओर बढ़ेंगे। गुरुवार से गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार तीन दिनों तक अनुष्ठान और आराधना में लीन रहेंगे। अष्टमी (गुरुवार) की शाम वह गोरक्षपीठ की पारंपरिक निशा पूजा में शामिल होंगे, जबकि शुक्रवार को नवमी तिथि पर कन्या पूजन का अनुष्ठान करेंगे। नवरात्रि के समापन के बाद दशहरे के दिन गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजा करने के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर गोरखनाथ मंदिर से शुरू होने वाले विजयादशमी शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे।

इस तरह रहेगा कार्यक्रम
शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना की थी। इसके बाद से नियमित नवरात्रि पूजन का अनुष्ठान उनके प्रतिनिधि के रूप में गोरक्षनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ कर रहे हैं। अष्टमी तिथि से विजयादशमी तक गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ स्वयं पूजन और अनुष्ठान संबंधी कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे। 
गुरुवार (10 अक्टूबर) को नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर महानिशा पूजन और हवन कर गोरक्षपीठाधीश्वर लोक मंगल की कामना करेंगे। शुक्रवार (11 अक्टूबर) को सुबह 11 बजे गोरक्षपीठ में मातृशक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक कन्या पूजन का अनुष्ठान होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्या पूजन कर मातृशक्ति के प्रति गोरक्षपीठ की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। गोरक्षपीठाधीश्वर नौ दुर्गा के स्वरूप नौ कुंवारी कन्याओं के पैर धोकर उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगाकर विधि-विधान से पूजन करेंगे। पूरी श्रद्धा से भोजन कराने के बाद दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे। इस दौरान परंपरा के अनुसार बटुक पूजन भी किया जाएगा। जबकि शनिवार (12 अक्टूबर) को गुरु गोरक्षनाथ की विशेष पूजा और गोरक्षपीठाधीश्वर के तिलकोत्सव के बाद शाम को विजयादशमी की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। 


खास आकर्षण है विजयादशमी शोभायात्रा 
दशहरे पर गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाला विजयादशमी शोभायात्रा गोरखपुर की उत्सवी परंपरा का विशेष आकर्षण होता है। इस  शोभायात्रा में सामाजिक समरसता की बेहतरीन मिसाल देखने को मिलती है। इसमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं और अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम और बुनकर समुदाय) के लोगों की ओर से इसका भव्य स्वागत भी किया जाता है। 
तीन पीढ़ियों से विजयादशमी शोभायात्रा का स्वागत करते आ रहे उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के निवर्तमान अध्यक्ष चौधरी कैफुलवारा कहते हैं कि दशहरे पर गोरखनाथ मंदिर के विजयादशमी  शोभायात्रा का इंतजार पूरा शहर करता है, लेकिन सबसे ज्यादा उत्साह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में देखने को मिलता है। कैफुलवारा कहते हैं कि  शोभायात्रा से घंटों पहले गोरक्षपीठाधीश्वर के स्वागत के लिए हम लोग मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूर फूलमाला लेकर खड़े हो जाते हैं। इस बार भी  शोभायात्रा का भव्य स्वागत करने की तैयारी की जा रही है। वास्तव में गोरक्षपीठाधीश्वर का काफिला जब अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ से होने वाले स्वागत के लिए जब रुकता है तो सामाजिक समरसता की तस्वीर विहंगम होती है।

धूमधाम से निकलेगी गोरक्षपीठाधीश्वर की विजयादशमी शोभायात्रा
गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयादशमी के दिन शनिवार सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। पीठाधीश्वर गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन में सवार होंगे। तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। यही नहीं विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे। विजयादशमी के दिन शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा जिसमें अमीर-गरीब और जाति-मजहब के विभेद से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होते हैं।

लगेगी संतों की अदालत, दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे गोरक्षपीठाधीश्वर 
गोरक्षपीठ में विजयादशमी का दिन एक और मायने में भी खास होता है। इस दिन यहां संतों की अदालत लगती है और गोरक्षपीठाधीश्वर दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। नाथपंथ की परंपरा के अनुसार हर वर्ष विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्‍यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्‍यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है। इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं। विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं। पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है। पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन के लिए भी जाना जाता है।

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