अलविदा-2024 : पेपर लीक का खुलासा राहत की थी फुहार, लेकिन जेलर पर जानलेवा हमला और NIA के घेराव से मचा था हड़कंप

UPT | पेपर लीक कांड से लेकर जेलर पर हमला: पुलिस प्रशासन के लिए मिला-जुला साल

Dec 30, 2024 19:48

झांसी में इस साल अपराधों का बोलबाला रहा। पेपर लीक का खुलासा, जेलर पर जानलेवा हमला और NIA के घेराव जैसी घटनाओं ने मचाया हड़कंप।

Jhansi News : झांसी में इस साल जो हुआ, उसने हर किसी को हिला कर रख दिया है। एक तरफ जहां पुलिस ने पेपर लीक जैसे बड़े मामले का खुलासा कर अपनी इज्जत बचाई, वहीं दूसरी तरफ जेलर पर हुए कातिलाना हमले और NIA की टीम के घेराव ने साबित कर दिया कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। क्या झांसी में अब कानून का राज खत्म हो चुका है?

पेपर लीक कांड, एक छोटी सी राहत: 
साल की शुरुआत में पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था, जिससे चारों तरफ हंगामा मच गया था। पुलिस पर भी सवाल उठने लगे थे। लेकिन तभी ACF और स्वॉट टीम ने तेजी दिखाते हुए एक आरोपी को धर दबोचा और पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया। इस खुलासे से पुलिस की कुछ हद तक साख बची, लेकिन ये तो बस एक छोटी सी राहत थी, असली तूफान तो अभी आना बाकी था।

खौफनाक वारदातें, अपराधियों के हौसले बुलंद: 
पेपर लीक का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि झांसी में अपराधों का सिलसिला शुरू हो गया। साल के अंत में एक मासूम बच्चे की हत्या कर उसकी लाश को खदान में फेंक दिया गया। इस घटना ने पूरे शहर को दहला दिया। पुलिस अभी भी इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में लगी है।

जेलर पर जानलेवा हमला, जेल के अंदर भी सुरक्षित नहीं: 
लेकिन सबसे चौंकाने वाली घटना तो तब हुई जब कुछ बदमाशों ने जेलर पर ही जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। सवाल ये उठता है कि जब जेल के अंदर ही कोई सुरक्षित नहीं है, तो बाहर आम आदमी का क्या होगा?

NIA का घेराव, कानून को ठेंगा: 
इन सबके बीच NIA की टीम एक मुफ्ती से विदेशी फंडिंग के मामले में पूछताछ करने आई थी। लेकिन कुछ लोगों ने NIA की टीम का ही घेराव कर दिया, जिससे हालात और भी बिगड़ गए। इस घटना ने साबित कर दिया कि कुछ लोग कानून को अपने हाथों में लेने से भी नहीं हिचकिचाते।

क्या झांसी में बचेगा कानून का राज?
झांसी में इस साल जो कुछ हुआ, उससे यही लगता है कि यहां कानून का राज खतरे में है। पुलिस को अब और ज्यादा सख्त कदम उठाने होंगे ताकि अपराधियों के हौसले तोड़े जा सकें और आम जनता में विश्वास बहाल किया जा सके।

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