समझौता : साइबर सिक्योरिटी के लिए मिलकर काम करेंगे आर्मी और आईआईटी

UPT | समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चाढा और प्रोफ़ेसर तरुण गुप्ता

Jun 27, 2024 19:51

राष्ट्रीय सुरक्षा और साइबर प्रतिरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) और भारतीय सेना के हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड लखनऊ ने आज एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए...

Short Highlights
  • आईआईटी कानपुर और भारतीय सेना का समझौता
  •  साइबर सिक्योरिटी के लिए मिलकर करेंगे काम 
Kanpur News : राष्ट्रीय सुरक्षा और साइबर प्रतिरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) और भारतीय सेना के हेड क्वार्टर सेंट्रल कमांड लखनऊ ने आज एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता सैन्य अनुप्रयोगों के लिए साइबर सुरक्षा को बढ़ाने और स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्टवेयर की साइबरप्रूफिंग पर केंद्रित है। 

ये हैं समझौते के दो मुख्य बिंदु
  1. यह पहल रक्षा मंत्रालय (सेना) की "टेक्नोलॉजी अब्सॉर्प्शन 2024-2025" थीम के अंतर्गत है।
  2.  इसका उद्देश्य एक व्यापक साइबर रक्षा रणनीति बनाना है, जिसमें सक्रिय खतरों का पता लगाना, वास्तविक समय प्रतिक्रिया तंत्र और सुरक्षित सॉफ्टवेयर वास्तुकला का विकास शामिल है।

साइबर सुरक्षा ढांचा विकसित करेगा
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा, "वर्तमान समय में साइबर खतरों की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए, यह समझौता हमारे सैन्य अनुप्रयोगों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम अपनी शोध क्षमताओं और सेना के व्यावहारिक अनुभव को मिलाकर एक मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचा विकसित करने के लिए उत्साहित हैं।"

साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान
प्रोफेसर संदीप शुक्ला, सी3आईहब के परियोजना निदेशक ने इस साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "यह समझौता न केवल मौजूदा साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करेगा, बल्कि भविष्य में उच्च तकनीक के क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा ढांचा विकसित करेगा। हमारा लक्ष्य एक ऐसी साइबर सुरक्षा प्रणाली विकसित करना है जो लगातार बदलती चुनौतियों का सामना कर सके।"

नवाचार को मिलेगा प्रोत्साहन
यह समझौता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, एन्क्रिप्शन और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इससे शैक्षणिक जगत और सेना के बीच सहयोग बढ़ने, नवाचार को प्रोत्साहन मिलने और समग्र रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होने की उम्मीद है।

यह साझेदारी आईआईटी कानपुर और भारतीय सेना की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह न केवल देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों और सशस्त्र बलों के बीच भविष्य के सहयोग के लिए एक मॉडल भी स्थापित करेगी, जो अंततः भारत की समग्र रक्षा तैयारियों में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

हस्ताक्षर के दौरान ये रहे मौजूद
समारोह में चीफ ऑफ स्टाफ सेंट्रल कमांड लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, आईआईटी कानपुर के डीन (आरएंडडी) प्रोफेसर तरुण गुप्ता, आईआईटी कानपुर में सी3आईहब के परियोजना निदेशक प्रोफेसर संदीप शुक्ला, मेजर जनरल शबीह हैदर नकवी, कर्नल हिरेन बोरा, कर्नल सजल थापा, लेफ्टिनेंट कर्नल वैभव आप्टे, अजय के मिश्रा, रोहित नेगी, मृदुल चमोली और चंदन सिंह मौजूद रहे।

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