UP News: आईआईटी कानपुर ने तैयार की स्मार्ट ब्रा, ब्रेस्ट कैंसर का जारी करेगी अलर्ट

UPT | आईआईटी कानपुर

Jul 27, 2024 16:40

आईआईटी कानपुर ने एक ऐसी ब्रा तैयार की है, जो ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण होने पर अलर्ट जारी करेगी। इस ब्रा का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है। एक साल बाद यह ब्रा बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।

Kanpur News: यूपी के आईआईटी कानपुर का पूरी दुनिया लोहा मान चुकी है। आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी ब्रा इजाद की है, जो ब्रस्ट कैंसर के लक्षण मिलते ही अलर्ट जारी करेगी। ब्रा में लगे सेंसर कैंसर के पहले चरण की भनक लगते ही अलर्ट कर देगी। सबसे खास बात है कि इसे दिन में सिर्फ एक बार कुछ मिनट के लिए ही पहनना होगा। यह मोबाइल से कनेक्ट होगी, और पूरा डाटा तैयार करेगी। विशेषज्ञों ने इसका प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। इस ब्रा के क्लीनिकल ट्रायल किए जा रहे हैं।

सेंसर से लैस ब्रा की डिवाइस शोधार्थी श्रेया नायर ने बायो साइंस और बायोइंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो अमिताभ बंदोपाध्याय के नेतृत्व में तैयार की गई है। श्रेया ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह है कि सही समय पर बीमारी का पता नहीं चल पाना। कई महिलाओं को तो ब्रेस्ट कैंसर की वजह से जान भी गंवानी पड़ी है। यदि इसका पता देर से चला, तो यह घातक हो जाता है। मेरे परिवार में भी एक ब्रस्ट कैंसर की पेशेंट हैं।

मोबाइल से कनेक्ट होगी डिवाइस
श्रेया ने बताया कि स्मार्ट ब्रा के अंदर एक डिवाइस लगी है। यह चार्ज भी की जा सकती है। महिलाओं को इस ब्रा को मोबाइल ऐप से कनेक्ट करना होगा। जिसमें प्रतिदिन ब्रेस्ट से जुड़ा डाटा इकट्ठा होगा। यदि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हैं, तो डिवाइस डॉक्टर को दिखाने का सुझाव देगी।

एक बार चार्ज करने से एक महीने कर सकते हैं इस्तेमाल
बायो साइंस और बायोइंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि ब्रा को एक बार चार्ज करने पर एक महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है। सिर्फ एक मिनट में डिवाइस ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अलर्ट कर देगी। केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की ओर से शुरू किए गए। इंटरनेशनल बायो डिजाइन प्रोग्राम के तहत स्मार्ट ब्रा इजाद की गई है।

मार्केट में होगी उपलब्ध
श्रेया के मुताबिक इसका क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। इस ब्रा की कीमत बाजार में पांच हजार रुपए होगी। एक साल बाद यह ब्रा में आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि ऐसी कोई डिवाइस बाजार में उपलब्ध नहीं है।
 

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