ढाबा-रेस्टोरेंट पर सख्ती का आदेश तानाशाही : सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा बोले- पुलिस को व्यापारियों के उत्पीड़न की मिलेगी छूट

UPT | SP MLA Ravidas Mehrotra

Sep 24, 2024 20:30

सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता के मुख्य मुद्दों से ध्यान बांटना चाहते हैं। वह महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। अपने इस निर्णय से वह अब दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यक और व्यापारियों के उत्पीड़न व दमन के लिए पुलिस को खुली छूट देने का काम कर रहे हैं।

Lucknow News : समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई को लेकर जारी निर्देशों का विरोध किया है। सीएम योगी ने मंगलवार को निर्देश दिए कि ढाबों, रेस्टोरेंट की सघन जांच की जाए। इनमें रसोई समेत सभी स्थानों पर सीसीटीवी लगवाए जाएं। साथ ही ढाबों-रेस्टोरेंट में मालिक का नाम-पता लिखना भी अब अनिवार्य होगा। सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि ये कदम दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के लिए उठाया गया है। सीएम योगी ने तानाशाही वाला कदम उठाया है।

ढाबे-रेस्टोरेंट में 10 रुपए में मिले भरपेट खाना
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि सरकार चाहती है कि दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्ग के कारोबारियों की बिक्री कम हो जाए, उनकी दुकान पर ताला लटक जाए, इसलिए मुख्यमंत्री ने यह तानाशाही वाला कदम उठाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने यह घोषणा की थी कि अगर हमारी सरकार बनेगी तो पूरे प्रदेश में समाजवादी कैंटीन बनाई जाएगी। इसमें ₹10 में भरपेट साफ खाना​​ मिलेगा। रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री की नीयत साफ है तो पूरे प्रदेश में सरकार की ओर से ढाबे और रेस्टोरेंट खुलवा दें और वहां ₹10 में भरपेट भोजन की व्यवस्था करें।



पुलिस को उत्पीड़न की खुली छूट देने वाला फैसला
सपा विधायक ने कहा कि वास्तव में मुख्यमंत्री जनता के मुख्य मुद्दों से ध्यान बांटना चाहते हैं। वह महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। अपने इस निर्णय से वह अब दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यक और व्यापारियों के उत्पीड़न व दमन के लिए पुलिस को खुली छूट देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आदेश के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस व्यापारियों को डराने धमकाने, फर्जी मुकदमे लगाने व शोषण करने में लग जाएगी। इससे व्यापारियों का उत्पीड़न होगा, उनसे वसूली होगी।

सरकारी की नीयत पर उठाया सवाल
सपा विधायक ने कहा कि कहा जा रहा है कि मुख्यमंंत्री का ये निर्देश ढाबे-रेस्टोरेंट में सफाई व्यवस्था के मद्देनजर जारी किया गया है। जबकि हकीकत ये है कि कोई भी कस्टमर जब खाने को जाता है और उसे सफाई इंतजाम नहीं दुरुस्त मिलता है, तो वह वहां पर खाना नहीं खाएगा और न ही कोई खरीदारी करेगा। वास्तव में इसके पीछे सरकार की नीयत ठीक नहीं है। सरकार का मकसद है कि किसी भी तरह से दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को परेशान किया जाए। व्यापारियों का उत्पीड़न हो। इसलिए पुलिस को लूट की खुली छूट देने के मकसद से ये कदम उठाया जा रहा है।

कांवड़ यात्रा के दौरान भी सीएम योगी इस तरह का जारी कर चुके हैं फरमान
रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि इससे पहले जब कांवड़ यात्रा शुरू हुई थी, तब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यह तुगलगी आदेश जारी किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि किसी भी दुकानदार को नेमप्लेट लगाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। सरकार का ये आदेश गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मुख्यमंत्री गैरकानूनी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी दुकान में वेज या नॉनवेज खाने की बात है तो लोग खाने से पहले ही इस बारे में पूछ लेते हैं। इसके बाद वह अपना मन बनाते हैं।

सीएम योगी ने इन घटनाओं के सामने आने पर दिया निर्देश
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मिलावट की घटनाओं को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। हाल ही में देश के कुछ हिस्सों में जूस, दाल और रोटी जैसी चीजों में गंदगी और थूक, पेशाब जैसे मानव अपशिष्ट की मिलावट के मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं को अस्वीकार्य और घृणित करार दिया और प्रदेश के होटलों, ढाबों, और रेस्टोरेंट्स की सघन जांच कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा​ कि ऐसे मामलों में कठोरतम कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी रेस्टोरेंट और ढाबों में काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही इन प्रतिष्ठानों पर मालिक, मैनेजर, और कर्मचारियों का नाम और पता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना भी अनिवार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि केवल ग्राहकों के बैठने वाले क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि रसोई और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों में भी सीसीटीवी की निगरानी होनी चाहिए।

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