Hardoi News : घायल दुर्लभ प्रजाति के पक्षी बाज का वन विभाग ने रेस्क्यू कर कराया उपचार

UPT | रेस्क्यू कर लाया गया दुर्लभ प्रजाति का बाज

Jul 15, 2024 22:35

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के वन रेंज कछौना के अंतर्गत सोमवार को कोथावां के पास एक सड़क किनारे शिकारी पक्षी बाज की एक दुर्लभ प्रजाति घायल अवस्था में पड़े होने की सूचना वन विभाग...

Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के वन रेंज कछौना के अंतर्गत सोमवार को कोथावां के पास एक सड़क किनारे शिकारी पक्षी बाज की एक दुर्लभ प्रजाति घायल अवस्था में पड़े होने की सूचना वन विभाग टीम को मिली। जिस पर वन क्षेत्राधिकारी कछौना विनय कुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर घायल पक्षी का रेस्क्यू कर वन रेंज कार्यालय लाए और उसका उपचार कराया। 

रेस्क्यू के बाद शिकारी पक्षी का शुरू हुआ उपचार 
वन क्षेत्राधिकारी विनय ने बताया कि रेस्क्यू के बाद में बाद का दांतों की टीम के द्वारा प्रथम उपचार किया हैं। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया घायल पक्षी का इलाज किया गया है, पक्षी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाने के बाद उसे उसके प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया जाएगा। 

अत्यंत साहसी बुद्धिमान और धैर्यवान होता है इस प्रजाति का बाज 
क्षेत्राधिकार ने बताया कि यह पक्षी अत्यंत बुद्धिमान, साहसी, धैर्यशाली, बहादुर पक्षी है। जो इंसानों से भी लड़ सकता है तथा मोर, चकोर, कौवे तक को मार सकता है। इसको प्रशिक्षित करना आसान होता है। इसलिए कुछ लोग इनको पालते हैं, जो गैरकानूनी है। पशु पक्षियों का मनुष्य जीवन में काफी योगदान होता है। आकाश में उड़ने वाले पक्षी धरती पर मानव जीवन के लिए प्रदूषण और अन्य कई तरह के खतरे पहुंचाने वाले कीड़ों का शिकार करते हैं। जिससे मानव जीवन की सुरक्षा होती है। 

विलुप्ति की कगार पर है प्रजाति 
इसके साथ ही पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड़-पौधे के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में भी सहायक होते हैं। बढ़ते तापमान, बदलती वनस्पति और चरम मौसम की स्थिति पक्षियों के आवश्यक आवासों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाती है। आवास की हानि और गिरावट उनके संरक्षण के लिए सबसे गंभीर खतरा है। शहरी फैलाव और परिवहन नेटवर्क ने पक्षियों के आवासों को खंडित और कम कर दिया है। गहन कृषि, वानिकी और कीटनाशकों के उपयोग ने उनके भोजन की आपूर्ति, आराम करने के स्थान और घोंसले के आवास को कम कर दिया है। कई मामलों में ये पक्षी आबादी में गिरावट और प्रवास पैटर्न में बदलाव के संभावित कारण हैं। जिसके चलते पक्षियों का जीवन संकट में है। वहीं कई पक्षियों की प्रजाति विलुप्त हो चुकी हैं। जो पक्षियों के साथ-साथ मानव जीवन व पर्यावरण के लिए भी खतरा हैं।

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