रैगिंग से आहत छात्र के हॉस्टल छोड़ने पर लखनऊ विश्वविद्यालय बैकफुट पर : दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी

UPT | लखनऊ विश्वविद्यालय में रैगिंग।

Sep 20, 2024 16:00

लखनऊ विश्वविद्यालय में रैगिंग के ताजा प्रकरण को लेकर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं कि छात्र को इतने दिन तक उसके सीनियर परेशान करते रहे। वह मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार हुआ। लेकिन, शिक्षकों को इसकी भनक तक नहीं लगी। आखिरकार पीड़ित को हॉस्टल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

Lucknow News : लखनऊ विश्वविद्यालय के नए कैंपस में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। विश्वविद्यालय की ओर से रैगिंग रोकने को लेकर दावे किए जाते रहे हैं। इसके अलावा युवाओं के बीच विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए भी रैंगिग को अपराध बताते हुए जागरूक करने की पहल की जाती रही है। लेकिन, प्रदेश में यूनिवर्सिटी स्तर पर अभी भी मामले सामने आ रहे हैं। सीनियर छात्र किसी न किसी तरीके से अपने जूनियर की रैगिंग कर रहे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के ताजा मामले में रैगिंग से प्रताड़ित छात्र को हॉस्टल छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

विश्वविद्यालय प्रबंधन को नहीं लगी रैगिंग की भनक
लखनऊ विश्वविद्यालय में रैगिंग के ताजा प्रकरण को लेकर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं कि छात्र को इतने दिन तक उसके सीनियर परेशान करते रहे। वह मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार हुआ। लेकिन, शिक्षकों को इसकी भनक तक नहीं लगी। आखिरकार पीड़ित को हॉस्टल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद अन्य अभिभावकों ने भी चिंता जाहिर की है। अभिभावकों का कहना है कि कई विद्यार्थी अभी भी ऐसे होंगे, जो डर की वजह से अपना मुंह नहीं खोल पा रहे होंगे। विद्यार्थियों पर पढ़ाई को लेकर पहले से ही तनाव है। करियर बनाने से लेकर परीक्षा में कम नंबर लाने या फेल होने के कारण कई विद्यार्थी पहले से ही अवसाद में हैंं। ऐसे में रैगिंग उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रही है। इस पर सिर्फ जुबानी नहीं बल्कि वास्तविक रूप से लगाम कसना बेहद जरूरी है।



दिखावटी साबित हो रहा एंटी रैगिंग वीक
लखनऊ विश्वविद्यालय में हर वर्ष 12 से 17 अगस्त तक एंटी रैगिंग वीक मनाया जाता है। इस बार इस सप्ताह के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से विभिन्न दावे किए गए है। लेकिन, हकीकत में उस दौरान भी छात्र रैगिंग का शिकार हो रहे थे। सख्ती को देखते हुए इसके तौर तरीके जरूर बदल दिए गए हैं। लेकिन, जूनियर छात्रों का उत्पीड़न रुका नहीं है। ऐसे में विश्वविद्यालय की भी प्रतिष्ठा खराब हो रही है।

रैगिंग का तरीका बदला
रैगिंग करने वाले सीनियर अब पुराने अंदाज में सबके सामने जूनियर को परेशान नहीं करते। वह इसके लिए मौका तलाशते हैं। खासतौर पर रात में इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है, जिससे यूनिवर्सिटी प्रशासन को रैगिंग की भनक नहीं लग सके। सीनियर छात्र अपने जूनियर को मुंह खोलने पर धमकी भी देते हैं। वह अपने जूनियर को रात में हॉस्टल की छत पर बुलाते हैं। पूरी रात आधे कपड़े में खड़ा रखते हैं। डांस करने के लिए कहते हैं। इनकार करने पर उन्हें पीटते और अभद्रता करते हैं। दिन में भी सिर झुकाकर चलने के लिए कहते हैं।

लगातार विवादों में रहता है एलयू
लखनऊ विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस में लगातार अनुशासनहीनता देखी जा रही है। नए कैंपस में आए दिन मारपीट होती रहती है। कुछ दिन पहले ही सीनियर और जूनियर के बीच झगड़ा हुआ था। इसमें कई छात्रों को चोटें आई थीं। पूर्व में पुलिस को भी कई बार शिकायतें मिल चुकी हैं।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने जताई चिंता
लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानुशासक प्रो. राकेश द्विवेदी ने कहा है कि अगर विश्वविद्यालय में रैगिंग के चलते कोई छात्र छात्रावास छोड़ने के लिए मजबूर है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय है। रैगिंग अपराध है। इस पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड सख्त है। जो भी इसमें दोषी है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय ने इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद दोषी छात्रों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है।

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