UP News : पीआईएमएस सिस्टम से इन्वेस्टर्स की सहूलियतों में इजाफा, लैंड बैंक समेत कई जानकारियां होंगी एक्सेस

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 16, 2024 16:08

प्राधिकरणों को अब प्रॉपर्टी मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (पीआईएमएस) के माध्यम से संगठित किया जा रहा है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के लिए अधिक पारदर्शी और तेज प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।

Lucknow News : यूपी को औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए सरकार ने निवेशकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में कई जरुरी कदम उठाए हैं। इसमें निवेश मित्र पोर्टल अहम भूमिका निभा रहा है, साथ ही राज्य के प्रमुख औद्योगिक प्राधिकरण भी निवेशकों के लिए प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने में जुटे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा), यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा), नोएडा और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्रमुख हैं।

औद्योगिक प्राधिकरणों का सक्रिय योगदान
राज्य सरकार ने औद्योगिक प्राधिकरणों की कार्यशैली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख औद्योगिक प्राधिकरण यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण), यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा), नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण हैं। इन प्राधिकरणों को अब प्रॉपर्टी मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (पीआईएमएस) के माध्यम से संगठित किया जा रहा है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के लिए अधिक पारदर्शी और तेज प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। इस प्रणाली से न केवल निवेशकों को बेहतर जानकारी उपलब्ध कराएगी, बल्कि उनके लिए सरकार की प्रक्रियाओं को पारदर्शी और तेज बनाने में भी मदद करेगी।

पीआईएमएस का प्रभाव और निवेशकों के लिए फायदे
प्रॉपर्टी मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (पीआईएमएस) को लागू करने का उद्देश्य निवेशकों के लिए भूमि और संपत्ति से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को एक जगह पर समेकित करना है। इस प्रणाली के माध्यम से अब हाउसिंग, रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल, इंस्टीट्यूशनल, कॉमर्शियल और ग्रुप हाउसिंग स्कीमों से संबंधित आवेदन और संचालन गतिविधियों की निगरानी सीधे की जा सकेगी। इसके अलावा, सीआईसी (क्लियरेंस इंफॉर्मेशन सिस्टम), बिल्डिंग मैप अप्रूवल, एक्सटेंशन लेटर और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जैसे अहम दस्तावेजों के जारी होने की प्रक्रिया की ट्रैकिंग भी इस सिस्टम के जरिए की जाएगी। इसके साथ ही नोएडा प्राधिकरण द्वारा लैंड बैंक, प्रॉपर्टी से जुड़े विवरण, और परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति को निवेश मित्र पोर्टल से जोड़कर निवेशकों के लिए जानकारी को और अधिक सुलभ बनाया जाएगा। 



डिजिटल माध्यम से निवेशकों को मिलेगी आसान पहुंच
पीआईएमएस के जरिए निवेशकों को उनके सभी अप्रूवल, क्वेरी और अन्य संबंधित जानकारी उनके पंजीकृत माध्यमों (जैसे एसएमएस, ई-मेल और व्हॉट्सऐप) पर प्राप्त होगी। इससे न केवल सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि निवेशकों को इस प्रणाली के जरिए उनके आवेदन और प्रक्रिया की स्थिति के बारे में हर कदम पर अपडेट भी मिलेगा। यह कदम न केवल निवेशकों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली को भी अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाएगा।

मिलेगा प्रॉपर्टियों का विस्तृत लेखा-जोखा
नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित किए गए वेब-आधारित एप्लीकेशन पैकेज के माध्यम से लगभग 96 हजार प्रॉपर्टियों का विस्तृत लेखा-जोखा निवेशकों के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रणाली में वेब बेस्ड मॉड्यूल भी विकसित किया जाएगा, जिससे प्रॉपर्टी के पंजीकरण, अलॉटमेंट, डाटा प्रोसेसिंग, और अन्य सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुलभ बनाया जाएगा। इस प्रणाली के तहत प्रॉपर्टी से संबंधित सभी विवरणों का समयबद्ध तरीके से अपडेट किया जाएगा और ऑनलाइन पेमेंट के लिए बैंक गेटवे के साथ इंटीग्रेशन भी किया जाएगा। इससे निवेशक बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे और संबंधित प्रॉपर्टी से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

यूपीसीडा-बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी)
यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (बीआरएपी) को लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। यह प्लान यूपीसीडा के अधिकारियों की कार्यक्षमता में सुधार करने, ऑनलाइन सेवाओं को बेहतर बनाने और निवेश मित्र पोर्टल के साथ इंटीग्रेशन को मजबूत करने का कार्य करेगा। इस प्रणाली के तहत औद्योगिक पार्क रेटिंग सिस्टम (आईपीआरएस) की रैंकिंग प्रक्रिया को भी प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे निवेशकों को औद्योगिक पार्क की गुणवत्ता और उनके विकास के स्तर का स्पष्ट आकलन मिल सकेगा।

निवेश मित्र पोर्टल का उन्नत रूप
निवेश मित्र पोर्टल को और अधिक कार्यक्षम बनाने के लिए इसे बिजनेस यूज़र्स के लिए यूनिफाइड जी2बी (गवर्नमेंट-टू-बिजनेस) इंटरफेस, माइक्रो सर्विस आर्किटेक्चर, इंटीग्रेशन और एफिशिएंट कंटेंट मैनेजमेंट प्रणाली से युक्त किया जा रहा है। इसका उद्देश्य निवेशकों के लिए प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुविधाजनक बनाना है, जिससे वे आसानी से राज्य में निवेश कर सकें।

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