आरडीएसएस के त्रिस्तरीय क्वालिटी कंट्रोल में सेंध : मध्यांचल में चार कंपनियों के एरियल बंच कंडक्टर जांच में फेल, मामला दबाने की कोशिश

UPT | Aerial Bunch Conductor

Oct 20, 2024 17:59

सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तीन स्तरीय क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था होने के बावजूद भी घटिया क्वालिटी के एरियल बच कंडक्टर क्यों लगाए गए। इसकी मॉनीटरिंग करने के लिए करोड़ों रुपए की थर्ड पार्टी एजेंसी लगाई गई है। इसके बावजूद इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। आरोप है कि अब चार एलटी केबल कंपनियां की घटिया क्वालिटी की रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों के स्तर पर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

Lucknow News : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) प्रदेश में विवादों में आ गई है। इसके तहत कराए जा रहे काम मानकों के विपरीत पाए जाने का खुलासा होने के बाद अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा है। वहीं अफसरों की इस लापरवाही का खामियाजा प्रदेश के उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा। 

पीलीभीत में एलटी एरियल बंच कंडक्टर की गुणवत्ता दोयम दर्जे की
योजना के तहत मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (एमवीवीएनएल) में काम किया जा रहा है। इसमें पीलीभीत में एलटी एरियल बंच कंडक्टर (एबीसी) की गुणवत्ता खराब होने की शिकायत सामने आई। इसके बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की तरफ से एक जांच समिति गठित कर फर्म के प्रतिनिधि और क्वालिटी कंट्रोल को चेक करने के लिए रखे गए थर्ड पार्टी सदस्य प्रतिनिधि की उपस्थिति में सात कंपनियों के सैंपल चेक कराए गए। इसमें चार फर्म के सैंपल विभाग की स्वीकृत जीटीपी के अनुसार गुणवत्ता के मानक पर सही नहीं पाए गए। इसके बाद बिजली कंपनी में हड़कंप की स्थिति है। 



त्रिस्तरीय क्वालिटी कंट्रोल और थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग के बावजूद चूक
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तीन स्तरीय क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था होने के बावजूद भी घटिया क्वालिटी के एरियल बच कंडक्टर क्यों लगाए गए। इसकी मॉनीटरिंग करने के लिए करोड़ों रुपए की थर्ड पार्टी एजेंसी लगाई गई है। इसके बावजूद इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। आरोप है कि अब चार एलटी केबल कंपनियां की घटिया क्वालिटी की रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों के स्तर पर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि कंपनियों के तीनों फेस कंडक्टर जीटीपी के मानकों पर कहीं खरे नहीं उतरते हैं। इनमें न्यूनतम 972 किलोग्राम प्रति किलोमीटर एल्युमिनियम होनी चाहिए। लेकिन, हकीकत में इसमें 45 से 54 किलोग्राम तक भार कम पाया गया। वहीं मैसेंजर का जो केबल था उसमें भी भार में कमी पाई गई।

फिर उठी आरडीएसएस योजना की सीबीआई जांच की मांग
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि संगठन पहले से ही आरडीएसएस योजना की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। संगठन ने जब यह मुद्दा उठाया था कि घटिया क्वालिटी के काम हो रहे हैं, तो कोई मानने को तैयार नहीं था। अब हकीकत सामने आ चुकी है। 

मेरठ में भी हो चुका है खुलासा
कुछ दिन पहले मेरठ में घटिया क्वालिटी के एरियल बंच कंडक्टर के मामले में एक कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया था। इसके बाद कंपनी के 300 से 400 करोड़ के टेंडर कैंसिल किए गए। अब इन चार कंपनियों की घटिया क्वालिटी का खुलासा होने के बाद हंगामा मचा है, क्योंकि यह भारत सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसमें इस प्रकार की कमियां मिलने के बाद बिजली कंपनी कार्रवाई के बारे में विचार कर रही हैं।  

उच्च स्तरीय टीम बनाकर जांच कराने की मांग
उपभोक्ता परिषद ने पूरे प्रदेश में एक उच्च स्तरीय टीम बनाकर जांच कराने की मांग की। संगठन का दावा है कि इससे बड़े पैमाने पर कमियां उजागर होंगी। यह जांच सभी बिजली कंपनियों में बहुत ही गंभीरता से करने की जरूरत है। उपभोक्ता सामग्रियों में ट्रांसफार्मर से लेकर मीटर, कंडक्टर, पोल आदि में घटिया क्वालिटी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं, ऐसे में जांच के बाद ही सही खुलासा हो सकता है।

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