यूपी में कौशल केंद्र के रूप में विद्यालयों का होगा विकास : शिक्षकों के लिए 25 अक्टूबर तक चल रहा व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम

UPT | CM Yogi Adityanath

Oct 23, 2024 17:33

विद्यालयों को कौशल विकास केंद्रों के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। राज्य के उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट और पीएमश्री विद्यालयों में विज्ञान और गणित के शिक्षकों को कौशल आधारित शिक्षा देने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

Lucknow News : प्रदेश सरकार विद्यालयों को कौशल विकास केंद्रों के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। राज्य के उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट और पीएमश्री विद्यालयों में विज्ञान और गणित के शिक्षकों को कौशल आधारित शिक्षा देने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में लर्निंग बाई डूइंग (करके सीखने) की अवधारणा पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें विज्ञान आश्रम और यूनिसेफ के सहयोग के साथ यह प्रशिक्षण 25 अक्टूबर तक जारी रहेगा।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण  
राजधानी के दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 2402 शिक्षक हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें 1772 उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों के शिक्षक, 570 पीएमश्री विद्यालयों के शिक्षक और 60 पायलट प्रोजेक्ट से चयनित शिक्षक शामिल हैं। इन शिक्षकों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और गणितीय सोच के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल सिखाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। 



व्यावसायिक-तकनीकी शिक्षा पर जोर  
इस पहल से विद्यार्थियों के शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास में सहायता मिलेगी। मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा देना है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह कार्यक्रम प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से संचालित हो रहा है, और इसके अंतर्गत शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधाओं से अवगत कराया जा रहा है।

छात्रों को कौशल आधारित शिक्षा
पायलट प्रोजेक्ट के तहत विद्यार्थियों को केवल शैक्षिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन में उपयोगी कौशल भी प्राप्त होंगे, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे। वर्ष 2022 में शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 जिलों के 60 विद्यालयों में विद्यार्थियों ने चार प्रमुख क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग, ऊर्जा, कृषि और स्वास्थ्य देखभाल में व्यावहारिक कौशल सीखे थे। इस कार्यक्रम से छात्रों की रुचि और समझ में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया था।

छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक
कार्यक्रम के शुभारंभ पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इस प्रयास से न केवल विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है, बल्कि उनके विज्ञान और गणित में प्रदर्शन में भी सुधार हुआ है। इस कार्यक्रम से छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्राप्त होते हैं, जो उन्हें भविष्य में रोजगार और जीवन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सहायक साबित होंगे। ऐसीएस परिवहन एल. वेंकटेश्वर लू और आईएएस  अधिकारी एकता सिंह ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाएगा और छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

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