Vigilance Raid : पूर्व अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के ठिकानों पर छापेमारी जारी, 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा

UPT | Vigilance Raid :

Oct 23, 2024 15:16

नोएडा में राजवीर सिंह और उनकी पत्नी के नाम पर दो हॉस्टल भी मिले हैं, जिनकी कुल कीमत 8 करोड़ रुपये आंकी गई है। विजिलेंस टीम को यह भी जानकारी मिली है कि राजवीर सिंह के कई बैंकों में लॉकर हैं, जिनकी पुष्टि और जांच के लिए बैंक रिकॉर्ड्स खंगाले जा रहे हैं।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) के पूर्व अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मंगलवार से शुरू हुई विजिलेंस की छापेमारी बुधवार को भी जारी है। अब तक की छापेमारी में विजिलेंस टीम को 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिली है, इसमें दो कॉम्प्लेक्स, एक आलीशान बंगला, करीब 77 लाख की नकदी व गहने और दो हॉस्टल हैं।

बंगले में मिला करोड़ों का लग्जरी सामान
मंगलवार शाम से शुरू हुई इस छापेमारी के दौरान लखनऊ और मेरठ यूनिट की विजिलेंस टीम ने नोएडा और दिल्ली में राजवीर सिंह के पांच ठिकानों पर छानबीन की। पीडब्ल्यूडी के 5 अधिकारियों की मौजूदगी में संपत्तियों का आकलन किया गया। विजिलेंस डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि दिल्ली में 20 करोड़ रुपये और नोएडा में 6 करोड़ रुपये की कीमत के दो कॉम्प्लेक्स मिले हैं। इसके अलावा, नोएडा में 5 करोड़ रुपये का एक आलीशान बंगला मिला, जिसमें 77 लाख रुपये के गहने और कैश भी बरामद हुए हैं। बंगले में करोड़ों के लग्जरी सामान और साज-सज्जा के उपकरण भी मिले हैं।



दो हॉस्टल और बैंकों में लॉकर की जानकारी
नोएडा में राजवीर सिंह और उनकी पत्नी के नाम पर दो हॉस्टल भी मिले हैं, जिनकी कुल कीमत 8 करोड़ रुपये आंकी गई है। विजिलेंस टीम को यह भी जानकारी मिली है कि राजवीर सिंह के कई बैंकों में लॉकर हैं, जिनकी पुष्टि और जांच के लिए बैंक रिकॉर्ड्स खंगाले जा रहे हैं। इसके साथ ही टीम द्वारा बंगले में मिले लग्जरी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अन्य सामान का आकलन किया जा रहा है।

आय से अधिक संपत्ति की जांच का आदेश
राजवीर सिंह के खिलाफ 31 मई 2019 को आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू की गई थी। 11 मार्च 2024 को लखनऊ स्थित विजिलेंस थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच में पाया गया कि राजवीर सिंह ने वैध स्रोतों से 1.78 करोड़ की आय अर्जित की थी, जबकि उनके खर्च 2.67 करोड़ रुपये से अधिक थे, जो कि उनकी आय से लगभग 89 लाख रुपये अधिक थे।

अन्य इंजीनियरों पर भी विजिलेंस का शिकंजा
हाल ही में विजिलेंस की लखनऊ टीम ने जल निगम की इकाई सीएनडीएस के पांच सेवानिवृत्त इंजीनियरों के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। इन इंजीनियरों के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच चल रही है। इसमें सहायक अभियंता राघवेंद्र गुप्ता, सत्यवीर सिंह चौहान, अजय रस्तोगी, कमल कुमार खरबंदा और कृष्ण कुमार पटेल शामिल हैं।

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