भ्रष्टाचार पर विजिलेंस का वार : यूपी एग्रो के रिटायर्ड GM पर दर्ज किया मुकदमा, गंभीर अनियमितता के आरोप जांच में सही पाए गए

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Jan 31, 2024 23:56

यूपी एग्रो के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक जोखू प्रसाद त्रिपाठी पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर गंभीर अनियमितता के कई आरोप लगे थे।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रियल कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक (विपणन) जोखू प्रसाद त्रिपाठी के खिलाफ बुधवार को मुकदमा दर्ज किया। सेवानिवृत्त हो चुके जोखू प्रसाद त्रिपाठी बीज प्रमाणीकरण संस्था के निदेशक भी रहे हैं।

शासन ने 2010 में दिए थे जांच के आदेश
जानकारी के मुताबिक शासन ने अप्रैल 2010 में विजिलेंस को जोखू प्रसाद त्रिपाठी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। शासन के आदेश पर विजिलेंस ने जांच की। जांच के बाद विजिलेंस ने 16 जनवरी 2020 को पहली और 27 सितंबर 2021 को अंतिम रिपोर्ट शासन को भेजी। रिपोर्ट के परीक्षण के बाद शासन ने विजिलेंस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के निर्देश दिए। 

जांच में गई गंभीर आरोप लगे 
जांच में जोखू प्रसाद त्रिपाठी पर गंभीर अनियमितता के कई आरोप सिद्ध पाए गए। उन पर अनियमित भुगतान करने, अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मनमाने ढंग से अपने पद का दुरुपयोग करने तथा नियमों का उल्लंघन कर स्वयं अनुचित लाभ प्राप्त करने और दूसरों को लाभ प्राप्त कराने का दोषी पाया गया। उनके इन कृत्यों से यूपी एग्रो संस्था को भारी आर्थिक क्षति हुई।

संस्था के कर्मचारियों को पहुंचाए अनुचित लाभ 
जोखू प्रसाद त्रिपाठी को निगम के कर्मचारी टीएन अवस्थी के निधन के बाद उनकी पत्नी को मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त किए जाने और उनके अनुरोध पर मृतक आश्रित को अनियमित रूप से अवकाश नगदीकरण दिए जाने के लिए दोषी पाया गया। इसी तरह विक्रय अधिकारी बीपी मिश्र के प्रार्थना पत्र पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निलंबन अवधि के वेतन आदि का भुगतान किए जाने का दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट में जोखू प्रसाद द्वारा संस्था के कर्मचारियों को अनुचित लाभ पहुंचाए जाने की एक लंबी फेहरिस्त का जिक्र किया गया है। इसमें उनकी मनमानी कार्यशैली से संस्था को हुई भारी क्षति का ब्योरा भी दिया गया है।

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