सोशल मीडिया पर झूठी अफवाह का खुलासा : सीएम योगी के जनता दर्शन में मुस्लिम समाज की सक्रिय भागीदारी, यूजर्स ने दिया करारा जवाब

UPT | जनता दर्शन कार्यक्रम

Aug 04, 2024 16:10

सूर्या समाजवादी नामक एक वेरिफाइड हैंडल ने दावा किया कि मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन इसलिए करते हैं ताकि मुस्लिम समुदाय के लोग वहां न आ सकें। हालांकि, यह दावा पूरी तरह से...

Short Highlights
  • जनता दर्शन कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर हलचल
  • सूर्या समाजवादी ने जनता दर्शन को लेकर अफवाह फैलाई
  • सोशल मीडिया यूजर्स ने करारा जवाब दिया
Lucknow News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर एक भ्रामक पोस्ट ने हलचल मचा दी। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 'सूर्या समाजवादी' नामक एक वेरिफाइड हैंडल ने दावा किया कि मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन इसलिए करते हैं ताकि मुस्लिम समुदाय के लोग वहां न आ सकें। हालांकि, यह दावा पूरी तरह से निराधार और तथ्यहीन साबित हुआ।

गलत साबित हुई अफवाह
वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोग, विशेष रूप से महिलाएं, बड़ी संख्या में भाग लेती हैं। मुख्यमंत्री सभी फरियादियों की समस्याओं को बिना किसी भेदभाव के सुनते हैं और उनके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाते हैं। यह परंपरा योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहले, उनके संसदीय कार्यकाल से ही चली आ रही है।

सीएम योगी के जनता दर्शन को लेकर फैलाई गई अफवाह
दरअसल, रविवार की सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सूर्या समाजवादी नाम के एक अकाउंट से सीएम योगी के जनता दर्शन का एक वीडियो पोस्ट किया गया। इस वीडियो के साथ लिखा गया था कि सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में इसलिए जनता दर्शन करते हैं ताकि मुस्लिम न आ सकें? आगे लिखा हुआ था कि इस वीडियो में मुझे एक भी मुस्लिम महिला नहीं दिख रही है, ये संविधान के खिलाफ है। जनता दर्शन मंदिर या मस्जिद में नहीं होना चाहिए, हाईकोर्ट संज्ञान ले।



यूजर्स ने दिया करारा जवाब
वहीं इस झूठी पोस्ट के जवाब में, कई सोशल मीडिया य़ूजर्स ने तथ्यों के साथ प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ऐसी तस्वीरें साझा कीं जिनमें बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याएं बता रही हैं। कई लोगों ने उत्तर प्रदेश पुलिस से इस तरह की भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। एक यूजर ने लिखा, यदि मुस्लिम मंदिर में नहीं आ सकते तो, गोरखनाथ मंदिर में निर्माण कार्य प्रबंधक और कैशियर के पद पर मोहम्मद यासीन नाम के व्यक्ति पिछले 40 वर्षों से कैसे कार्यरत हैं।

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सामने आई तस्वीरें
गौरतलब है कि पिछले महीने 22 जुलाई को गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने भाग लिया था। इसी तरह, 12 जुलाई को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर हुए जनता दर्शन कार्यक्रम में भी मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने अपनी समस्याएं मुख्यमंत्री के सामने रखीं। इन घटनाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गईं।

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