Sonbhadra news : पाक्सो एक्ट में दोषी धीरज साहनी को 4 वर्ष की कठोर कैद

फ़ाइल फोटो | फोटो- कोर्ट भवन

Jun 18, 2024 17:16

चार वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ घर में घुसकर छेड़खानी किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए…

Short Highlights
  •  30 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी ।
  •  जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
  •  अर्थदंड की धनराशि में से 24 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी
  •   चार वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ घर में घुसकर छेड़खानी किए जाने का मामला

Sonbhadra news : चार वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ घर में घुसकर छेड़खानी किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी धीरज सहनी को 4 वर्ष की कठोर कैद एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 24 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।


लोक लाज की वजह से थाने पर सूचना नहीं दिया था
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली में दी तहरीर में पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी कक्षा 10 की छात्रा है। जिसे अक्सर धीरज साहनी पुत्र राम रतन निवासी ग्राम गोरारी, थाना राबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र द्वारा परेशान किया जाता रहा है। बेटी सारी बात घर आकर बताती थी, लेकिन लोक लाज की वजह से थाने पर सूचना नहीं दिया। जब बेटी 23 मई 2020 को सुबह 11 बजे घर पर अकेली थी तो धीरज साहनी घर में घुस गया और बेटी के साथ छेड़छाड़ करने लगा तो बेटी रोने लगी। जब धीरज साहनी ने उसे आते हुए देखा तो वहां से भाग गया। इस तहरीर पर छेड़खानी और पाक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दिया और पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में धीरज साहनी के विरुद्ध चार्जशीट विवेचक ने दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन कर दोषसिद्ध पाकर दोषी धीरज साहनी को 4 वर्ष की कठोर कैद एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 24 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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