सोनभद्र न्यूज़ : आवास पास कराने का झांसा देकर किया सामूहिक दुष्कर्म, कोर्ट ने थाना प्रभारी को दिया ये आदेश

UPT | जिला एवं सेशन न्यायालय सोनभद्र

Mar 07, 2024 10:08

जिला कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में बीजपुर थाना प्रभारी को कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सरकारी आवास दिलाने के नाम पर आदिवासी महिला के....

Short Highlights
  • 02 जनवरी-2024 की रात की है घटना
  • कोर्ट ने बीजपुर थाना प्रभारी को FIR करने का दिया आदेश
Sonbhadra News : जिला कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में बीजपुर थाना प्रभारी को कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सरकारी आवास दिलाने के नाम पर आदिवासी महिला के साथ दो लोगों द्वारा बारी-बारी से दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी कोर्ट आबिद शमीम  की अदालत ने प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध मानते हुए बीजपुर थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है। बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली आदिवासी महिला (पीड़िता) की ओर से अधिवक्ता रोशन लाल यादव के जरिए दाखिल धारा 156(3) सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने आदेश दिया है।

पीड़िता ने कोर्ट को कराया अवगत
आदिवासी महिला (पीड़िता) ने प्रार्थना पत्र के जरिए कोर्ट को अवगत कराया है कि दो महीना पहले सुधीर पांडेय और चिंतामणि विश्वकर्मा ने उसके घर पर आए और कहा कि सरकारी आवास आया है, हमलोग मंजूर करवा देंगे। जल्द ही फार्म भरवाया जाएगा तब हमलोग आएंगे। तुम अपना आधार कार्ड, राशन कार्ड और फोटो तैयार रखना। जब अधिकारी आएंगे, तो हमलोग तुम्हें अधिकारियों के पास ले चलेंगे और आवास पास करवा देंगे। सुधीर पुत्र अवधेश पांडेय ग्राम- नधिरा, थाना बभनी, जिला सोनभद्र का रहने वाला है। जबकि चिंतामणि विश्वकर्मा पुत्र उदय नारायण विश्वकर्मा अम्मा टोला (बकरिहवा), थाना बीजपुर, जिला सोनभद्र का रहने वाला है।

क्या है पूरा मामला
घटना 02 जनवरी-2024 की रात करीब साढ़े 9 बजे की है। दोनों लोग उसके घर शाम लगभग पांच बजे आ गए और कहा कि सभी कागज लेकर चलो अधिकारी 08 बजे रात आएंगे। इसके बाद कार पर बैठाकर उसे बकरिहवा ले गए और घर में बैठने को कहा। जब देर होने लगा तो दोनों ने उसके साथ बारी बारी से दुष्कर्म किया। घटना को अंजाम देने के बाद किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी भी दिया। जब दोनों वहां से भाग गए तब वह किसी तरह भागकर अपने घर आई। इसके बाद बीजपुर थाने जाकर सूचना दिया, किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब 9 फरवरी-2024 को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से एसपी सोनभद्र को सूचना दिया, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि तब मजबूर होकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल की हूं। अदालत ने थाने से रिपोर्ट तलब किया, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज न होना बताया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पत्रावली का अवलोकन करने पर प्रथमदृष्टया संज्ञेय अपराध मानते हुए बीजपुर थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है।

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