सोनभद्र न्यूज : भूत प्रेत के विवाद में हुए विनोद हत्याकांड में उम्रकैद की सजा, 25-25 हजार अर्थदंड... 

UPT | जिला कोर्ट सोनभद्र

Mar 16, 2024 23:26

जिला कोर्ट ने विनाद हत्याकांड मामले में सुनवाई करते हुए हत्यारोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने...

Short Highlights
  • विनोद हत्याकांड मामले में हत्यारोपी को आजीवन कारवास की सजा
  • भूत प्रेत की बात को लेकर हुआ था विवाद
Sonbhadra News (Gyan Prakash Shukla) : जिला कोर्ट ने विनाद हत्याकांड मामले में सुनवाई करते हुए हत्यारोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने करीब ढाई साल पहले भूत प्रेत के विवाद में हुए विनोद हत्याकांड के मामले में शनिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी दंपति को उम्रकैद और 25- 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं, मृतक की पत्नी को अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रूपये तथा एक लाख रूपये बतौर प्रतिकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।

भूत प्रेत की बात को लेकर हुआ था विवाद
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, गेना देवी पत्नी विनोद निवासी लक्ष्मिनपुर थाना घोरावल, जिला सोनभद्र ने 18 अक्तूबर 2021 को थाने में तहरीर दी थी। उन्होंने अवगत कराया था कि उसके छोटे ससुर लक्ष्मन उर्फ बावन तथा छोटी सास बुधनी उर्फ खदिया देवी 18 अक्तूबर 2021 की रात एक बजे भूत प्रेत की बात को लेकर उसके पति विनोद को फावड़े से मारने लगे, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद मौके से दोनों पति पत्नी फरार हो गए। शोरगुल की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंच गए। 

25- 25 हजार रूपये अर्थदंड
इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी दंपति लक्ष्मन उर्फ बावन तथा बुधनी उर्फ खदिया देवी को उम्रकैद और 25- 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक- एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं, मृतक की पत्नी को 50 हजार रूपये अर्थदंड की समूची धनराशि और एक लाख रूपये बतौर प्रतिकर के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।

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