एक व्यक्ति, दो पहचान : मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था सनव्वर हुसैन, ऐसे खुला राज

UPT | Bijnor

Sep 10, 2024 19:07

इस व्यक्ति ने अपना परिचय शिवमणि नाम से दिया था,  लेकिन जब ग्रामीणों ने उसकी आईडी की जांच की, तो पता चला कि उसका असली नाम सनव्वर हुसैन है। इस खुलासे ने ग्रामीणों को चौंका दिया...

Short Highlights
  • बिजनौर के मंदिर में पहचान छुपाकर रह रहा था पुजारी
  • ग्रामीणों ने आधार कार्ड देखा तो खुली सच्चाई
  • हिंदू धर्म अपनाने का किया दावा
Bijnor News : बिजनौर के गांव तिपरजोत में शेरकोट क्षेत्र के निवासी मुस्लिम व्यक्ति की पहचान उजागर हो गई है, जो पिछले छह महीने से एक मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था। इस व्यक्ति ने अपना परिचय शिवमणि नाम से दिया था,  लेकिन जब ग्रामीणों ने उसकी आईडी की जांच की, तो पता चला कि उसका असली नाम सनव्वर हुसैन है। इस खुलासे ने ग्रामीणों को चौंका दिया।

आधार कार्ड से हुआ खुलासा
दरअसल, गांव के प्रधान पति नत्थू सिंह, चमन सिंह, गोलू, रामौतार सिंह, बंटी और मेघराज सिंह ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से भगवा चोला पहनकर एक व्यक्ति शिव मंदिर में पुजारी के रूप में रह रहा था। जब गांव वालों को इस पर संदेह हुआ, तो उन्होंने उसे अपनी पहचान दिखाने के लिए कहा। शुरू में वह आईडी दिखाने से बचता रहा, लेकिन जब लोगों ने उसका आधार कार्ड चेक किया तो उसपर सनव्वर हुसैन लिखा हुआ था। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसके बारे में पुलिस को सूचित किया।



इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाने का दावा
इस घटना को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी धर्म सिंह मार्छाल ने बताया कि आरोपी ने जांच के दौरान बताया कि वह जिला रामपुर के गांव मसवासी का निवासी है और उसका नाम सनव्वर हुसैन पुत्र अफसर अली है।  सनव्वर हुसैन ने साल 2018 में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का दावा किया। आरोपी के अनुसार, वह नगीना और अन्य स्थानों पर भी मंदिरों में रह चुका है और वर्तमान में भी शिव मंदिर में पुजारी के रूप में कार्यरत था। सनव्वर हुसैन के पास से जो आधार कार्ड मिला है उसमें उसकी पहचान सनव्वर हुसैन, पिता का नाम अफसर अली, पता कुंडा, जिला उधमसिंह नगर उत्तराखंड के रूप में हुई।

मंदिरों में पुजारी के रूप में रहने की अनुमति नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी के पास कई फोटो मिले हैं, जिनमें वह मजार पर अरदास कर रहा है और मंदिरों में भगवा चोला पहनकर काम कर रहा है। इस तरह की गतिविधियों को लेकर ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि अगर वह हिंदू धर्म अपनाना चाहता है, तो कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मंदिरों में पुजारी के रूप में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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