सुबह-शाम घूमने न निकलें तो बेहतर : दिवाली से पहले हवा हुई जहरीली, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, रखें अपना ख्याल

UPT | वायु प्रदूषण

Oct 26, 2024 12:05

दीवाली से पहले ही दिल्ली की हवा दिन पर दिन खराब होती जा रही है। वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों को चेतावनी जारी की है।

National News : दीवाली से पहले ही दिल्ली की हवा दिन पर दिन खराब होती जा रही है। आम तौर पर दीवाली के बाद इतना प्रदूषण देखने को मिलता था लेकिन इस बार दीवाली से पहले ही नौबत ग्रैप-2 तक पहुंच गई है। वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों को चेतावनी जारी की है। मंत्रालय ने सलाह दी है कि लोग सुबह या शाम के समय घर से बाहर न जाएं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइंस
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल के नेतृत्व में नई गाइडलाइंस जारी की गई है। मंत्रालय ने नागरिकों सलाह दी है कि लोग सुबह या शाम के समय घर से बाहर न जाएं। पार्कों में व्यायाम एवं खेल-कूद से फिलहाल दूरी बनाए रखें। इसके साथ ही, घर से बाहर निकलने से पहले प्रदूषण का स्तर जरूर देख लें, ताकि स्वास्थ्य पर प्रदूषण का दुष्प्रभाव न पड़े। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने सभी राज्यों को इन दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही जनजागरूकता फैलाने के निर्देश भी दिए हैं।



बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं रहें सतर्क
प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रभाव बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और उन लोगों पर पड़ता है जिन्हें पहले से ही सांस संबंधी समस्याएं हैं। प्रदूषण के कारण सूखी खांसी, काले कफ का बनना, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा के रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोग प्रदूषित इलाकों में घर से बाहर जाने से बचें। इसके अतिरिक्त, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

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सर्दी में बढ़ते प्रदूषण के लिए विशेष विंटर एक्शन प्लान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी कि सर्दी के मौसम में प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 21 फोकस प्वाइंट्स पर आधारित विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है। इस प्लान का मुख्य हिस्सा ड्रोन तकनीक का उपयोग करते हुए हॉटस्पॉट क्षेत्रों की निगरानी करना है। पहली बार इन हॉटस्पॉट्स पर ड्रोन मैपिंग की मदद से प्रदूषण की स्थिति को समझने की कोशिश की जा रही है। सेंसर से लैस इन ड्रोन की मदद से अनधिकृत औद्योगिक गतिविधियों, अवैध निर्माण और अन्य प्रदूषण फैलाने वाले कारकों का पता लगाना संभव हो पा रहा है।

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ड्रोन से हो रही प्रदूषण निगरानी
दिल्ली सरकार ने इस साल प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का पता लगाने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए ड्रोन तकनीक का सहारा लिया है। राजधानी के कुछ प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट क्षेत्रों में ड्रोन द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। ड्रोन 120 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरते हुए 200 मीटर की परिधि में मौजूद प्रदूषण के स्रोतों का डेटा एकत्रित कर पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी को भेजेगा। जिससे प्रदूषण के कारणों का पता लगाया जा सकेंगा। शुक्रवार से दिल्ली के वजीरपुर हॉटस्पॉट पर ड्रोन मैपिंग के लिए सर्वे ऑफ इंडिया की एक सूचीबद्ध एजेंसी को तैनात किया गया। यह प्रक्रिया ड्रोन तकनीक का उपयोग कर प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक कदम है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर इसे अन्य हॉटस्पॉट क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है।

एनसीआर के प्रदूषित शहरों का हाल
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरे के स्तर पर है। दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से बहुत अधिक है।
  • दिल्ली : 270
  • गाजियाबाद : 200
  • नोएडा : 222
  • ग्रेटर नोएडा : 199
  • गुरुग्राम : 162
  • फरीदाबाद : 153

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