सुप्रीम कोर्ट में वर्शिप एक्ट पर सुनवाई : चीफ जस्टिस बोले- कोई नया मंदिर-मस्जिद मुकदमा दायर नहीं किया जाएगा

UPT | सुप्रीम कोर्ट

Dec 12, 2024 16:18

सुप्रीम कोर्ट में 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991' के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा...

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट में 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991' के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस मामले पर तब तक सुनवाई नहीं होगी, जब तक केंद्र सरकार अपना जवाब दाखिल नहीं कर देती। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने अब तक अपना जवाब पेश नहीं किया है, लेकिन सॉलिसिटर जनरल ने आश्वासन दिया कि जवाब जल्द ही दाखिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक इस मामले से संबंधित कोई नई याचिका दायर नहीं की जाएगी।

केंद्र सरकार को 4 हफ्ते में दाखिल करना होगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार को वर्शिप एक्ट मामलों पर जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र का जवाब दाखिल होने के बाद, जिनसे जवाब मांगा जाएगा, वे भी 4 हफ्ते के भीतर अपनी दलीलें पेश कर सकते हैं। CJI खन्ना ने स्पष्ट किया कि केंद्र का जवाब मिलने के बिना इस मामले पर कोई फैसला नहीं किया जा सकता। बता दें कि यह सुनवाई कई महत्वपूर्ण मामलों की पृष्ठभूमि में हो रही है, जिनमें वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा का शाही ईदगाह मस्जिद और संभल का शाही जामा मस्जिद से जुड़े मुकदमे शामिल हैं।



याचिकाकर्ताओं को भी जवाब दोगी सरकार
इस मामले में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की विशेष बेंच कर रही है। इस सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को सूचित किया कि सरकार इस मामले में हलफनामा दाखिल करेगी। CJI संजीव खन्ना ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए निर्देश दिए और कहा कि उसका जवाब याचिकाकर्ताओं को भी दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की विस्तृत सुनवाई नहीं की जाएगी क्योंकि यह अभी लंबित है और साथ ही यह स्पष्ट किया कि इस मामले से संबंधित कोई नया सूट दाखिल नहीं किया जाएगा। CJI ने यह भी बताया कि कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं, जिन पर अदालत सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ताओं की दलील :
वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि देशभर में कुल 10 सूट दाखिल किए गए हैं और उन्होंने इन सभी सूटों पर आगे की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की।

केंद्र सरकार का विरोध :  
केंद्र सरकार ने इस दलील का विरोध किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी प्राइवेट पार्टी को सूट पर रोक लगाने की मांग करने का अधिकार नहीं है।

मुस्लिम पक्ष की दलील : 
मुस्लिम पक्ष ने भी इस मामले में अपनी दलील पेश की। उन्होंने बताया कि देशभर में 10 स्थानों पर 18 सूट दाखिल किए गए हैं और अनुरोध किया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट' पर फैसला नहीं देता, तब तक इन सभी मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई जाए।  

प्रमुख लंबित मामले :
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि मथुरा का मामला और दो अन्य सूट पहले ही अदालत के समक्ष लंबित हैं। इन मुकदमों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह तय किया कि सुनवाई को स्थगित करना और लंबित मामलों पर निर्णय लेना महत्वपूर्ण होगा।

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