भट्ठी की तरह तप रहा उत्तर प्रदेश : प्रयागराज में टूटे सारे रिकॉर्ड, आखिर इस साल इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है?

UPT | भट्ठी की तरह तप रहा उत्तर प्रदेश

Jun 18, 2024 17:11

भारत का उत्तरी हिस्सा प्रचंड गर्मी से तप रहा है। उत्तर के किसी राज्य में पारा 44 डिग्री से नीचे नहीं है। उत्तर प्रदेश के हालात तो और खराब हैं। बीते 3 दिनों से मौसम विभाग यूपी, विशेष तौर पर पश्चिमी यूपी के लिए गंभीर हीटवेव के अलर्ट जारी किए जा रहे हैं।

Short Highlights
  • 1.5 डिग्री तक बढ़ा धरती का तापमान
  • रात में भी दिन जैसी गर्म हवा
  • पहाड़ों पर भी नहीं है राहत
New Delhi : भारत का उत्तरी हिस्सा प्रचंड गर्मी से तप रहा है। उत्तर के किसी राज्य में पारा 44 डिग्री से नीचे नहीं है। उत्तर प्रदेश के हालात तो और खराब हैं। बीते 3 दिनों से मौसम विभाग यूपी, विशेष तौर पर पश्चिमी यूपी के लिए गंभीर हीटवेव के अलर्ट जारी किए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में बताया है कि 17 जून को प्रयागराज में देश का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। यहां 17 जून को 47.6 डिग्री तापमान था, जो सामान्य से 8.7 डिग्री अधिक है। आज हम समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर इस बार इतनी अधिक गर्मी क्यों पड़ रही है।

रात में भी दिन जैसी गर्म हवा
गर्मी से बेहाल सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं है। बल्कि देश के कई राज्य भीषण गर्मी से त्राहिमाम कर रहे हैं। IMD ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बिहार और झारखंड में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। प्रयागराज लगातार दो दिनों तक यूपी का सबसे गर्म शहर बनकर रिकॉर्ड तोड़ रहा है। बीते 24 घंटे में उत्तर प्रदेश में लू से 90 लोगों की मौत हुई है। हालांकि प्रशासन ये मानने को तैयार नहीं है। उनकी तरफ से कहा जा रहा है कि गर्मी की वजह से मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगी। हालात ये हैं कि दिन के साथ-साथ में गर्म हवा ने लोगों को बेहाल कर कहा है। उत्तर प्रदेश के अधिकतर शहरों में रात का तापमान भी 35 डिग्री के लगभग बना हुआ है।


पहाड़ों पर भी नहीं है राहत
गर्मी से हालात इतने बदतर हैं कि मैदान तो छोड़िए, पहाड़ों पर भी लू चल रही है। आम तौर पर इस मौसम में पहाड़ों पर प्री मानसून बारिश हो जाती है। लेकिन बारिश तो दूर, काले बादल तक नहीं दिख रहे हैं। देहरादून में अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मसूरी में 43 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। हिमाचल भी इससे अछूता नहीं है। हिमाचल प्रदेश में तापमान 44 डिग्री, तो वहीं जम्मू में 44.3 डिग्री बना हुआ है। जानकार मानते हैं कि ये तो बस एक शुरुआत है, आने वाले सालों में तो और भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

क्यों पड़ रही है इतनी गर्मी?
गर्मी का कहर सिर्फ भारत ही नहीं, दुनियाभर में किस कदर बरपा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि लंदन तक में हीटवेव के अलर्ट जारी किए गए हैं। इन सबका एक अहम कारण ग्लोबल वॉर्मिग है। ग्लोबल क्लाइमेट चेंज वजह से ही नॉर्थ इंडिया में हीटवेव की स्थिति बनी हई है। इसके अलावा अलनीनो, पर्यावरण डिसबैलेंस की वजह से भी मौसम के पैटर्न में बदलाव हो रहा है। अलनीनो की स्थिति में हवाएं उल्टी बहती हैं और महासागर के पानी का तापमान भी बढ़ जाता है, जो दुनिया के मौसम को प्रभावित करता है।
 
1.5 डिग्री तक बढ़ा धरती का तापमान
पहाड़ों पर बढ़ती भीड़, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, कंस्ट्रक्शन के काम, वाहनों से होने वाला प्रदूषण, एसी और फ्रिज का लगभग हर घर में इस्तेमाल समेत अन्य कई वजहें हैं, जो धरती का तापमान बढ़ा रही हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से न सिर्फ ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, बल्कि समुद्र के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ-साथ समुद्र का तापमान भी बढ़ रहा है। बीते 123 साल में 2023 सबसे गर्म वर्ष रहा है। इस दौरान धरती का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। यही वजह सीमा है, जिसे रोकने के लिए दुनिया के सभी देश पेरिस समझौते के तहत प्रतिबद्ध हैं। धरती का तापमान बढ़ने की वजह से ही मौसम में इस तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं।

कब तक राहत मिलने की उम्मीद?
जून महीने का दूसरा हफ्ता बिहार में मॉनसून की शुरुआत का होता है। लेकिन इस बार हालात खराब हैं। मौसम विभाग के अनुसार बिहार में अगले 4 दिनों तक बारिश के कोई आसार नहीं हैं। हालांकि दिल्ली में 20 जून को मामूली बूंदाबादी देखने को मिल सकती है। लेकिन यहां भी मानसून की बारिश जून के अंत में ही होने के आसार हैं। 25 जून के लगभग मानसून उत्तर प्रदेश भी प्रवेश कर सकता है।

हीटवेव से बचना एकमात्र उपाय
हीटवेव से खुद को बचाने के लिए कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें। सावधानी बरतने और समुचित उपायों को अपनाने से हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। धूप से दूर रहें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें तथा पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी, नारियल पानी, नींबू पानी और फलों के रस का सेवन करें। ताजे फल, सलाद और दही जैसे हल्के भोजन लें तथा गर्मी में खाली पेट न रहें। ठंडक बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनर या कूलर का प्रयोग करें एवं दोपहर के समय घर से बाहर न निकलें। इन सरल सावधानियों को अपनाकर आप भीषण गर्मी का मुकाबला कर सकते हैं।

Also Read