New Telecom Act : दूरसंचार अधिनियम आज से लागू, तीन साल जेल का प्रावधान, जानिए क्या बदल रहा?

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Jun 28, 2024 17:17

सभी दूरसंचार कंपनियों को डू-नॉट-डिस्टर्ब सर्विस रजिस्टर करने का ऑप्शन देना अनिवार्य होगा। कोई यूजर डीएनडी सर्विस ऑन रखता है तो उसके पास अनचाहे मैसेज या कॉल नहीं आने चाहिए...

New Delhi : देश में आज (26 जून) से नया दूरसंचार अधिनियम लागू हो रहा है। यह अधिनियम मौजूदा भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1993 और टेलीग्राफ वायर अवैध कब्जा अधिनियम 1950 के पुराने विनियामक ढांचे की जगह अस्तित्व में आएगा। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इस अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान लागू किए गए हैं। यानी फिलहाल से आंशिक रूप से प्रभावी किया गया है। 

अनचाही कॉल और मैसेज पर लगाम
सभी दूरसंचार कंपनियों को डू-नॉट-डिस्टर्ब सर्विस रजिस्टर करने का ऑप्शन देना अनिवार्य होगा। कोई यूजर डीएनडी सर्विस ऑन रखता है तो उसके पास अनचाहे मैसेज या कॉल नहीं आने चाहिए। नियम का उल्लंघन होता है तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। नए अधिनियम में प्रमोशनल मैसेज को लेकर भी बदलाव हुए हैं। प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले टेलीकॉम कंपनियों को सरकार से अनुमति लेनी होगी। 



सिम कार्ड कॉपी करना क्राइम में शामिल
फर्जी सिम कार्ड पर रोक लगाने के लिए बिल में सख्त प्रावधान किए गए हैं। किसी भी तरह के सिम कार्ड फ्रॉड करने पर तीन साल जेल और जुर्माना लगेगा। बिल के तहत फर्जी सिम कार्ड बेचने, खरीदने और प्रयोग करने पर भी तीन साल तक जेल या 50 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। सिम कार्ड की ब्रिकी करते समय बायोमेट्रिक डाटा लिया जाएगा। एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम होने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार यही काम करने पर दो लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा। सिम कार्ड क्लोन करने या किसी और के सिम का दुरुपयोग करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। 

कॉल टैपिंग अपराध 
अगर कोई बिना व्यक्ति आपकी परमिशन के बिना आपकी बात सुन रहा है तो ये मामला फोन टैपिंग का है। फोन टैप करने को वायर टैपिंग या लाइन बगिंग भी कहा जाता है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, नए अधिनियम के तहत बिना इजाजत टेलीकॉम नेटवर्क का डाटा एक्सेस करना, किसी की कॉल को टैप करना या रिकॉर्ड करना अब अपराध माना जाएगा। नियम तोड़ने पर तीन  साल की सजा हो सकती है। 

आपात स्थिति में सरकार को ये अधिकार
नए अधिनियम के अनुसार, सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के लिए दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ ले सकेगी। आपात स्थिति में किसी भी टेलीकॉम कंपनी जो दूरसंचार नेटवर्क स्थापित करना या संचालित करना चाहे, सेवाएं प्रदान करना चाहे, उसे सरकार द्वारा अधिकृत होना होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर टेलीकॉम कंपनियों को अपने इक्विपमेंट्स सरकार द्वारा अधिकृत सोर्स से ही लेने होंगे।

स्पेक्ट्रम का आवंटन नए तरीके से
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा का स्पेक्ट्रम आवंटन अब नीलामी से नहीं, प्रशासनिक तरीके से होगा। विदेशी कंपनियों को भी स्पेक्ट्रम दिए जा सकेंगे। इसके तहत स्पेक्ट्रम आवंटित होने वाली पहली सूची में 19 सेवाओं ग्लोबल पर्सनल सैटेलाइट कम्युनिकेशन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी की सेवा, मोबाइल उपग्रह सेवा, वीएसएटी, इन फ्लाइट और समुद्री कनेक्टिविटी शामिल हैं। नए नियमों से एलन मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट की भारत में एंट्री का रास्ता साफ हो गया है।

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