रेल हादसों में यूपी का खराब रहा है रिकॉर्ड : पिछले 10 साल में हुई दुर्घटनाओं का पूरा घटनाक्रम यहां समझिए

UPT | उत्तर प्रदेश में रेल हादसे

Jul 18, 2024 20:33

उत्तर प्रदेश में गुरुवार (18 जुलाई) को बड़ा रेल हादसा हो गया है। प्रदेश के गोंडा जिले में चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 15904 झिलाही और मोतीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई...

New Delhi : उत्तर प्रदेश में गुरुवार (18 जुलाई) को बड़ा रेल हादसा हो गया है। प्रदेश के गोंडा जिले में चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 15904 झिलाही और मोतीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई। हादसे में चार लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य घायल हैं। हालांकि, ट्रेन की गति धीमी होने के कारण एक बड़ी त्रासदी टल गई। जानकारी के मुताबिक पौने तीन बजे दो डिब्बे बेपटरी हुए, उसके बाद 12 और डिब्बे पलट गए। हादसा गोंडा में मोतीगंज थाना क्षेत्र के पिकौरा गांव के पास हुआ।

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यूपी में यह कोई पहला हादसा नहीं है। पिछले दस सालों में ऐसे कई रेल हादसे हुए हैं, जिनमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। आईए बात करते हैं प्रदेश के बड़े रेल हादसों के बारे में जिसमें हजारों लोग दुर्घटना का शिकार हो गए। यूपी में अब तक का सबसे भयंकर हादसा फ़िरोजाबाद में हुआ है। उसको याद कर आज भी रूह कांप जाती है। आइये जानते हैं प्रदेश में ऐसे बड़े हादसों के बारे में।



वर्ष 1995 में 
20 अगस्त, 1995 में नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से फ़िरोजाबाद, उत्तर प्रदेश में जा टकराई। हादसे में 250 की मौत हुई थी और 250 घायल हो गए थे।

वर्ष 2001 में
31 मई, 2001 में उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई। जिसमें 31 लोग मारे गए।

वर्ष 2002 में
12 मई 2002 में कासगंज एक्सप्रेस यूपी में एक बस से जा टकराई जिसमें 34 लोगों की मौत हो गई। वहीं इसी वर्ष 12 मई को नई दिल्ली से पटना जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस जौनपुर में पटरी से उतरी और 12 लोग दुर्घटना का शिकार हो गए।

वर्ष 2009 में
21 अक्तूबर, 2009 में उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आख़िरी बोगी से टकरा गया। इस घटना में 22 मारे गए जबकि 23 अन्य घायल हुए।

वर्ष 2011 में
07 जुलाई 2011 में उत्तर प्रदेश,पटियाली स्टेशन के पास मथुरा-छपरा एक्सप्रेस की बस की टक्कर हुई थी। हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई थी।

वर्ष 2012 में
31 मई 2012 में दून एक्सप्रेस जौनपुर के निकट पटरी से उतरी जिसमें 7 लोगों की मौत हुई।

वर्ष 2015 में
20 मार्च, 2015 में देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे।

वर्ष 2016 में
रेल हादसे के एक साल बाद 20 नवंबर 2016 को फिर रेल हादसा हुआ। कानपुर के पास पुखरायां में दुर्घटना घटी, जिसमें कम से कम 150 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। पटना-इंदौर एक्सप्रेस के 14 कोच पटरी से उतर गए थे। इसी साल में 28 दिसंबर को फिर हादसा हुआ। कानपुर के पास रूरा पर अजमेर-सियालदाह एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। हादसे में दो लोगों की मौत और 80 से अधिक घायल हुए थे।

वर्ष 2017 में
30 मार्च, 2017 में उत्तर प्रदेश के कुम्हार के पास महाकौशल एक्सप्रेस के 8 कोच पटरी से उतर गए थे। जिसके कारण 52 लोग घायल हुए थे। वहीं 19 अगस्त 2017 में उत्‍तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना स्थल पर पटरी टूटी पाई गई। ट्रेन हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई और 97 लोग घायल हो गए थे। वहीं नवंबर में चित्रकूट में वास्को डी गामा-पटना एक्सप्रेस डिरेल हो गई। जिसमें 3 लोगों की मौत हुई और 9 लोग घायल हुए थे।

वर्ष 2024 में
18 जुलाई 2024 में उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 15904 झिलाही और मोतीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गई। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए।

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