कारोबार और परोपकार का संगम : महाकुंभ में छोटे व्यापारियों को मिला रोजगार, भंडारों में बंट रहा प्रसाद

UPT | महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगी दुकानें

Jan 13, 2025 14:06

पौष पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित पहले स्नान पर्व में, जहां अखाड़ों और विभिन्न संस्थाओं द्वारा श्रद्धालुओं को मुफ्त में चाय, नाश्ता और भोजन दिया जा रहा है, वहीं मेला क्षेत्र में व्यापार भी जमकर फल-फूल रहा है...

Prayagraj News : महाकुम्भ 2025 में भारत सहित पूरी दुनिया से लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। इस धार्मिक आयोजन में न केवल विविधता में एकता का प्रतीक देखने को मिल रहा है, बल्कि यहां व्यापार और परोपकार का भी अद्भुत संगम है। पौष पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित पहले स्नान पर्व में, जहां अखाड़ों और विभिन्न संस्थाओं द्वारा श्रद्धालुओं को मुफ्त में चाय, नाश्ता और भोजन दिया जा रहा है, वहीं मेला क्षेत्र में व्यापार भी जमकर फल-फूल रहा है। 

ठेले-रेहड़ी वालों के लिए बना आय का साधन
मेला प्रशासन ने जहां अलॉट स्टॉल्स की व्यवस्था की है, वहीं बड़ी संख्या में ठेले और रेहड़ी वाले भी यहां आकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। ये छोटे व्यापारी प्रयागराज और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे हैं। कुछ चाय बेच रहे हैं, तो कुछ अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री कर रहे हैं। इसके अलावा, पूजा और श्रृंगार सामग्री की भी खूब बिक्री हो रही है, जिससे व्यापारियों को अच्छा लाभ मिल रहा है। 



महाकुंभ में व्यापार को मिल रही मजबूती 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रयागराज विजिट के दौरान कहा था कि यह महाकुम्भ प्रयागराज के साथ ही पूरे प्रदेश की इकॉनमी को मजबूती देने वाला होगा। इसके माध्यम से इकॉनमी में दो लाख करोड़ रुपये की वृद्धि संभावित है। महाकुम्भ के पहले ही दिन भारी संख्या में श्रद्धालु संस्थाओं के भंडारों के साथ-साथ इन दुकानदारों पर भी खरीदारी करते रहे। खान-पान से लेकर पूजा सामग्री की सबसे ज्यादा खरीद हुई।

पेट भरने के साथ पुण्य कमाने का अवसर
वहीं खाने पीने का सामान बेचने वाले हरदोई के रामकुमार ने बताया कि दो हफ्ते पहले ही महाकुम्भ में आए हैं। यहां श्रद्धालुओं का पेट भरने के साथ ही पुण्य कमाने का भी अवसर है। किसी तरह का कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जा रहा है। कोई हमें यहां परेशान भी नहीं कर रहा। इसी तरह, भदोही से आए सुनील यहां लोगों को चाय पिला रहे हैं। सुनील ने बताया कि 45 दिन तक महाकुम्भ में आय के लिए आए हैं। पहले दिन श्रद्धालुओं को सर्दी में चाय वितरित कर रहे हैं। किसी तरह की एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जा रहा। 

भंडारों में बांटा जा रहा प्रसाद  
एक तरफ, व्यापार है तो दूसरी तरफ परोपकार भी है। पहले ही दिन बड़ी संख्या में मेला क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं द्वारा भंडारों और चाय वितरण किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को बुला बुलाकर भोजन कराया गया। कोई संस्था खिचड़ी खिला रही है तो कोई पूड़ी सब्जी। वहीं चाय पिलाने वालों की भी कोई कमी नहीं। सतुआ बाबा समेत कई साधु संतों ने अपने शिविरों में श्रद्धालुओं के रुकने की भी व्यवस्था की है और यहां भी भंडारे का आयोजन किया गया है।

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