पेपर लीक पर सरकार से सवाल : प्रतियोगी छात्रों ने सीएम योगी को भेजा पत्र, लिखा- गवर्नमेंट प्रेस में क्यों नहीं छापे जाते प्रश्नपत्र

UPT | पेपर लीक पर सरकार से सवाल

Jun 25, 2024 18:45

आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 पेपर लीक को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। मांग की गई है कि सभी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में छपवाए जाएं...

Prayagraj News : आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 पेपर लीक को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। मांग की गई है कि सभी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में छपवाए जाएं। साथ ही परीक्षा निजी एजेंसियों के माध्यम से न करवाई जाए। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने सुझाव दिया है कि परीक्षा आयोजन के लिए अलग से सरकारी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।

अफसरों की भूमिका पर सवाल
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय और अन्य प्रतियोगी छात्रों की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है। प्रतियोगी छात्रों ने जिम्मेदार अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। छात्रों का तर्क है कि यूपीपीएससी परीक्षा नियंत्रक के अलावा जब कोई नहीं जानता कि प्रश्नपत्र किस प्रेस में छपवाने जाते हैं, तो नकल माफिया प्रेस तक कैसे पहुंच जाते हैं। ऐसे गिराहों तक सूचना किसके माध्यम से पहुंचाई जा रही है कि प्रश्नपत्र छपवाने के लिए कहां भेजे गए हैं।



यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में
अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं कि प्रदेश में सरकारी प्रिंटिंग प्रेस होने के बावजूद आयोग को निजी पर इतना भरोसा क्यों है? परीक्षाओं में शुचिता और पेपरों की सुरक्षा को लेकर यह मांग पहले से उठती रही है कि भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र सरकारी प्रेस में छपवाए जाएं। कई वर्षों पहले प्रयागराज की गवर्नमेंट प्रेस में प्रश्नपत्र छपवाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। भर्ती संस्थाएं अपने हिसाब से निजी प्रिंटिंग प्रेसों में पेपर छपवाती हैं।

निजी प्रिंटिंग प्रेस पर नियंत्रण नहीं
पेपर लीक में निजी प्रिंटिंग प्रेसों की भूमिका सामने आने के बावजूद सुधार नहीं हो सका है। अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि गवर्नमेंट प्रेस में जब सरकार के सभी गोपनीय दस्तावेज छपते हैं तो प्रश्नपत्र क्यों नहीं। निजी प्रिंटिंग प्रेस पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता है और ऐसे में पेपर लीक होने पर सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की जवाबदेही तय नहीं हो पाती।

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