Saharanpur News : देहरादून-सहारनपुर रेल लाइन परियोजना का काम तेज, बनेंगे आठ स्टेशन

UPT | प्रतीकात्मक फोटो।

Jul 04, 2024 16:41

देहरादून-सहारनपुर के बीच 112 किमी की दूरी घटकर महज 81 किमी. रह जाएगी और यह सफर डेढ़ घंटे में पूरा किया जा सकेगा। अब प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।

Short Highlights
  • चुनाव के दौरान रेल लाइन परियोजना की घोषणा
  • 112 किमी से मात्र 81 किमी होगी यात्रा की दूरी
Saharanpur News : देहरादून-सहारनपुर वाया शाकंभरी देवी रेलवे लाइन परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। मैदानी इलाकों से लेकर शिवालिक पहाड़ियों तक अत्याधुनिक तकनीक से ड्रोन लिडार सर्वे पूरा हो चुका है। सर्वे के आधार पर प्रस्तावित रेलवे लाइन का अलाइनमेंट और यार्ड निर्धारण का काम पूरा हो चुका है। इस परियोजना में आठ नए स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।

प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर तैयार 
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा चुनाव के दौरान देहरादून से सहारनपुर रेल लाइन परियोजना की घोषणा की थी। अब प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है और जल्द ही रेल ट्रैक बिछाने के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए रेल मंत्रालय ने सर्वे करने के लिए 2.3 करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया है। डीपीआर को 18 महीने में तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरा हो सकेगा सफर
अब देहरादून से सहारनपुर के बीच नई रेल लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे यात्रा की दूरी 112 किमी से मात्र 81 किमी हो जाएगी। इस नई लाइन के माध्यम से दून से सहारनपुर का सफर अब सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरा हो सकेगा। पहले चरण में, सहारनपुर से शाकंभरी देवी तक 40 किमी की रेल लाइन का निर्माण होने की योजना है। वहीं दूसरे चरण में शाकंभरी देवी से देहरादून के हर्रावाला तक 41 किमी. लंबी लाइन बिछेगी। यह रेलमार्ग शिवालिक की पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरेगा। इस रूट को बनाने में रेलवे को 11 किलोमीटर लंबी टनल और 106 छोटे बड़े पुल बनाने होंगे।

सर्वे टीम ने पूरा किया हाइड्रोलिक कैलकुलेशन
रेल मार्ग की निर्माण प्रक्रिया में हाइड्रोलिक कैलकुलेशन का महत्वपूर्ण योगदान है और इसके बिना रेल लाइन का निर्माण संभव नहीं है। सर्वे टीम ने हाइड्रोलिक कैलकुलेशन को पूरा कर लिया है और वे स्थानों का चयन कर चुके हैं, जहां रेल लाइन को बिछाई जाएगी। साथ ही, मृदा परीक्षण का कार्य भी सम्पन्न हो चुका है और मैदान और शिवालिक पहाड़ियों से लिए गए मिट्टी के सैंपल में किसी प्रकार का कोई अवरोध होने की बात सामने आई है।

Also Read