Varanasi News : महिला ने सास, ससुर, पति को मृत दिखाकर मकान अपने नाम कराने की कोशिश, जानिए क्या है पूरा मामला

UPT | वाराणसी नगर निगम

Oct 16, 2024 22:27

वाराणसी नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर सास, ससुर एवं पति को मृत दिखा महिला द्वारा अपने नाम....

Varanasi News : वाराणसी नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर सास, ससुर एवं पति को मृत दिखा महिला द्वारा अपने नाम मकान कराने का मामला सामने आया है। मामला के संज्ञान होने पर नगर आयुक्त ने आरोपी कर अधीक्षक को निलंबन करने की संस्तुति पत्र शासन को भेजा है।



वाराणसी के अर्दली बाजार स्थित डिठोरी महाल निवासी महिला अर्पणा  सिंह द्वारा ससुर प्रमोद कुमार सिंह उनकी पत्नी राजकुमारी सिंह और उनके पति मनीष सिंह को फर्जी दस्तावेज बनाकर मृत दिखलाकर अपने नाम से मकान पर नाम चढ़ाने के लिए आवेदन किया था। जिस पर नगर निगम द्वारा कार्यवाही करते हुए अर्पणा सिंह के नाम मकान कर दिया गया।

फर्जी दस्तावेज तैयार कर मकान अपने नाम कराया
 जिसकी जानकारी होने पर विनोद कुमार सिंह ने नगर आयुक्त से मिलकर शिकायत दर्ज कराया है। जिस पर बताया कि सास ससुर एवं पति का फर्जी दस्तावेज तैयार कर अर्पणा सिंह ने अपने नाम मकान करवा लिया है। जो पूर्णतया गलत है तथा प्रमोद कुमार सिंह सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त होकर अभी पेंशन ले रहे हैं।

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वहीं मनीष सिंह एक नामी कंपनी में एमडी के पद पर कार्यरत हैं। विनोद कुमार सिंह द्वारा पत्रावली की पुनः जांच कराने की मांग की गयी। नगर आयुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्रावली की जांच करायी गयी, तथा जांच में पाया गया कि अर्पणा द्वारा कूटरचित प्रकार से जौनपुर नगर पालिका से तीनों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर प्रस्तुत किया गया। जिसे जांच में फर्जी पाया गया तथा नामान्तरण के लिए अन्य अभिलेख भी फर्जी लगाये गये थे। 

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एफआईआर दर्ज कराने का आदेश
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने अर्पणा सिंह के खिलाफ कुटरचित दस्तावेज लगाकर तथा जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने के आरोप में जोनल अधिकारी वरूणापार को अर्पणा सिंह के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। साथ ही तत्कालीन कर अधीक्षक मुन्ना राम के द्वारा अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर धारा-213 की नोटिस अपने हस्ताक्षर से जारी किया गया था, जिसके आरोप में नगर आयुक्त के द्वारा प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोका गया है साथ ही उनके निलंबन के लिए शासन को पत्र प्रेषित किया गया। नायब मोहर्रिर कुंवर विक्रम सिंह की संलिप्तता पायी गयी, जिनके द्वारा अपने व्यक्तिगत हितों को ध्यान में रखकर गलत तरीके से नामान्तरण के लिए प्रस्ताव दिया गया था, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

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