कमिश्नरेट या कमीशन का रेट : भाजपा विधायक का आगरा पुलिस पर आरोप, पत्र में लिखा- योगी की जीरो टॉलरेंस नीति बर्बाद कर रहे

UPT | भाजपा विधायक और पूर्व राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश

Sep 24, 2024 16:06

आगरा से भाजपा विधायक और पूर्व राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक पत्र जारी किया। उन्होंने लिखा कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट केवल कमीशन के रेट में तब्दील हो गया...

Agra News : आगरा से भाजपा विधायक और पूर्व राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक पत्र जारी किया। उन्होंने लिखा कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट केवल कमीशन के रेट में तब्दील हो गया है। उनका कहना है कि अधिकारी और पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को नष्ट करने में लगे हुए हैं और भू-माफिया एवं अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

'सीएम को देंगे सबूत'
डॉ. धर्मेश ने एक विशेष मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्ता थाने में तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ दिया गया। उन्होंने इस संबंध में अपने पास कई सबूत होने का दावा किया है और कहा कि वे जल्द ही इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें यह सबूत सौंपेंगे।



'आगरा पुलिस कमिश्नरेट नहीं, बल्कि कमीशन का रेट है'
उन्होंने कहा कि विधायक ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान में आगरा पुलिस कमिश्नरेट एक 'कमीशन का रेट' बन गया है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। कोर्ट में पुलिस की लचर पैरवी के चलते अपराधी, बलात्कारी और भू-माफिया आए दिन बरी हो रहे हैं।

अखिलेश यादव ने कसा तंज
वहीं इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने X पर लिखा- उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी कम-से-कम अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए, क्योंकि अब तो आपके ही विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमीशन-रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं। अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफ़आइआर लिखवाएंगे या बुलडोज़र का डर दिखलाएंगे। भाजपा राज में ‘कमिश्नरेट’ दरअसल ‘करेपश्नेट’ बन गये हैं। कमिश्नरेट वसूली का विकेंद्रीकरण है।
  भाजपा विधायक ने पहले भी लगाए हैं आरोप
जीएस धर्मेश ने पहले भी नगर में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने आगरा स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। उनके अनुसार, स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी आरके सिंह पर कमीशन के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं। हालांकि, इस मामले में अब तक आरके सिंह को हटाया नहीं गया है।

आगरा में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू
बता दें कि 25 नवंबर, 2022 को आगरा समेत तीन जिलों में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई थी, जो 20 महीने पहले शुरू हुई। इस व्यवस्था के तहत डॉ. प्रीतिंदर सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। बोदला जमीन कांड में तत्कालीन थानाध्यक्ष को जेल जाना पड़ा। इसके बाद, डॉ. प्रीतिंदर सिंह की जगह जे रविंदर गौड को पुलिस कमिश्नर बनाया गया।

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