Agra News : डीएपी बिक्री में अव्यवस्था पर उबलीं कमिश्नर, सचिव सस्पेंड, अफसरों को हड़काया... 

UPT | केंद्रों पर डीएपी बिक्री की व्यवस्था जांचने पहुंची कमिश्नर ऋतु माहेश्वरी।

Oct 08, 2024 12:18

मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी ने डीएपी बिक्री व्यवस्था जांचने के लिए प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति बरौली अहीर और बमरौली कटारा केन्द्र का निरीक्षण किया। सहकारी समिति बरौली अहीर में काउंटर पर किसानों की लाइन लगी हुई...

Agra News : मण्डलायुक्त रितु माहेश्वरी ने डीएपी बिक्री व्यवस्था जांचने के लिए प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति बरौली अहीर और बमरौली कटारा केन्द्र का निरीक्षण किया। सहकारी समिति बरौली अहीर में काउंटर पर किसानों की लाइन लगी हुई थी। किसानों ने शिकायत की कि डीएपी का स्टाॅक बहुत कम है। घण्टों लाइन में लगने के बाद बमुश्किल उन्हें डीएपी मिल पा रही है। दूसरे सहकारी समिति से सम्बद्ध किसान भी यहां आकर डीएपी ले जा रहे हैं, जिससे डीएपी की किल्लत बनी हुई है। उन्हें जरूरत न होते हुए भी नैनो डीएपी तरल खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 

हालात देखकर गुस्सा हो गईं कमिश्नर
डीएपी किल्लत की शिकायत पर मण्डलायुक्त ने स्टाॅक रजिस्टर की जांच की। संबंधित अधिकारियों से स्टाॅक की उपलब्धता, विगत एक माह में वितरित की गयी डीएपी तथा मुख्यालय को किए गये भुगतान से संबंधित सवाल जबाव तलब किए। जांच में सामने आया कि किसानों से पूर्ण अभिलेख प्राप्त किए बिना ही डीएपी बिक्री की जा रही थी। जरूरत न होने पर भी प्रत्येक किसान को डीएपी की 3-3 बोरी दी जा रही है। डीएपी बिक्री में लापरवाही बरतने पर समिति सचिव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। मौके पर मौजूद उपायुक्त व उपनिबंधक सहकारिता को निर्देश दिए कि इस समय खेतों में बुवाई की जा रही है, इसलिए आवश्यकतानुसार जल्द से जल्द मुख्यालय से डीएपी की मांग प्रेषित की जाए। डीएपी खरीदने के लिए केन्द्र पर आने वाले सभी किसानों का सत्यापन किया जाए और टोकन सिस्टम के माध्यम से ही आवश्यकतानुसार डीएपी बिक्री की जाए। किसी को भी नैनो डीएपी तरल खरीदने के लिए मजबूर न किया जाए। 

सचिव पर गिरी गाज
मण्डलायुक्त ने सहकारी समिति बमरौली कटारा का भी निरीक्षण किया। यहां पर अभी तक का डीएपी का स्टाॅक पूरा समाप्त हो चुका था। यहां भी सभी कई किसानों की कम जरूरत होते हुए भी 2 से 3 डीएपी बोरी बिक्री की गयी। स्टाॅक रजिस्टर का निरीक्षण किया गया। जिन किसानों ने डीएपी क्रय की, संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उसका समुचित ब्यौरा नहीं दिखा सके। स्टाॅक खत्म होने के बाद किसानों के अन्य सहकारी समिति केन्द्रों पर चले जाने की बात सामने आयी। जांच में यह सामने आया कि समिति केन्द्र पर 10-10 दिन के अंतराल पर डीएपी का स्टाॅक आ रहा है। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर समिति सचिव संतोषजनक जबाव न दे सके, जिस पर मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराजगी जताई और सचिव को निलंबित किए जाने के निर्देश दिए। आवटंन की सुचारू व्यवस्था बनाये रखने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि समिति से डीएपी विक्रय की धनराशि को 24 घंटे के अंदर मुख्यालय पर भेजी जाए तथा दो दिन के अंदर समिति को डीएपी स्टाॅक उपलब्ध करा दिया जाए।

कमिश्नर ने अफसरों को हड़काया
आगरा जिले की सभी समितियों में भी वहां की मांग के अनुसार ही डीएपी का स्टाॅक आंवटित किए जाएं। खतौनी में दर्ज भूमि के अनुसार ही किसानों को व्यवस्थित रूप से डीएपी की बिक्री की जाए। मण्डलायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि भविष्य में डीएपी बिक्री में किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आई तो सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता एवं जिला कृषि अधिकारी के निलंबन की संस्तुति शासन में प्रेषित की जायेगी।  

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