मायावती ने मैनपुरी में खेला यादव कार्ड : बसपा ने मैनपुरी में गुलशन देव शाक्य की जगह शिव प्रसाद यादव को बनाया प्रत्याशी, किसको होगा फायदा

UPT | बसपा प्रत्याशी शिवप्रसाद यादव

Apr 16, 2024 14:26

मैनपुरी लोकसभा सीट पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने गुलशन देव शाक्य का टिकट दिया है। उनके स्थान पर बसपा ने शिवप्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है। यादव प्रत्याशी आने से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव की मुसीबतें बढ़ गईं हैं।

Kanpur News: समाजवादी पार्टी का गढ़ कही जानी वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर सभी विपक्षी पार्टियों की नजर है। विपक्षी पार्टियां सपा के गढ़ को भेदना चाहती हैं। बसपा सुप्रीमों मायावती ने सपा मुखिया यादव की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। बसपा ने पहले मैनपुरी से जमीनी नेता गुलशन देव शाक्य को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन मंगलवार को बसपा ने गुलशन शाक्य का टिकट काटकर शिव प्रसाद यादव को मैदान में उतारा है। शिव प्रसाद यादव मैनपुरी में यादव वोट बैंक में सेंध लगाने का काम करेंगे।

बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक हफ्ते पहले डॉ गुलशन देव शाक्य को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने बिहार के होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद से मैनपुरी के लोगों की सेवा कर रहे थे। लेकिन प्रत्याशी घोषित होने बाद उनका मैनपुरी में प्रचार-प्रसार नहीं दिख रहा था। जिसकी वजह से प्रत्याशी बदलने की चर्चा चल रही थी।

गुलशन देव शाक्य को लखनऊ बुलाया
बीते सोमवार को संगठन के पदाधिकारियों के साथ जिला स्तरीय बैठक हुई थी। जिसमें गुलशन देव शाक्य को अचानक लखनऊ बुला लिया गया। पूरे दिन बैठकों में मंथन के बाद प्रत्याशी को बदलने को लेकर फैसला किया गया। बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी इसपर मुहर लगा दी।

यादव वोट बैंक में सेंधमारी
मैनपुरी के जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए बसपा ने शिव प्रसाद यादव को उतारने का फैसला किया गया। मैनपुरी लोकसभा सीट में आने विधानसभाओं में यादव और शाक्य वोटरों का वर्चस्व है। यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए शिव प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। बसपा ने यादव प्रत्याशी उतार कर डिंपल यादव की घेराबंदी मजबूत कर दी है। इससे भाजपा को फायदा मिलने के संकेत मिल रहे हैं।

कौन हैं शिवप्रसाद यादव
बसपा प्रत्याशी शिवप्रसाद यादव घोषी समाज से आते हैं। इसके साथ विधानसभा चुनाव 2007 में बसपा से विधायक रह चुके हैं। शिवप्रसाद यादव बीजेपी में भी रह चुके हैं। उन्होंने बीजेपी छोड़कर अपनी पार्टी बना ली थी। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने रामलीला मैदान में घोषी समाज को एकजुट करने का प्रयास किया था। वहीं, डिंपल यादव कमरिया समाज से आती हैं। जबकि मैनपुरी में 30 से 35 फीसदी वोटर घोषी समाज का है। बसपा सुप्रीमों ने मैनपुरी में मास्टर स्टोक खेला है।

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