Agra News : पुष्टाहार कालाबाजारी मामले में एक्शन, सीडीपीओ निलंबित, अभी कई अफसर रडार पर...

UPT | आगरा में पुष्टाहार कालाबाजारी मामले में सीडीपीओ निलंबित।

Oct 04, 2024 10:40

शासन ने पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में बीती रात बड़ी कार्रवाई की है। पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निलंबन करने के बाद बृहस्पतिवार की रात शासन ने बाल विकास परियोजना अधिकारी...

Agra News : शासन ने पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में बीती रात बड़ी कार्रवाई की है। पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निलंबन करने के बाद बृहस्पतिवार की रात शासन ने बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमल चाैबे को पुष्टाहार वितरण के पर्यवेक्षण में लापरवाही पर निलंबित कर दिया है। शासन ने यह कार्रवाई जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी द्वारा शासन को भेजी रिपोर्ट के आधार पर की है। विमल चौबे के निलंबन के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति पर उनके निलंबन की भी प्रक्रिया चल रही है। इन पर भी शासन की कभी भी निलंबन की गाज गिर सकती है।

अब तक 17 निलंबित
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के अनुसार, अब जनपद के सभी केंद्रों पर लाभार्थियों से वितरण की पुष्टि की जाएगी। इनके अलावा इस मामले में अभी तक नाई की मंडी केंद्र की संचालिका मालती शिवहरे, मीरा हुसैनी केंद्र की संचालिका भारती, मंटोला केंद्र की इंदु शर्मा, नालबंद केंद्र की संचालिका कांता शर्मा, सुपरवाइजर अनीता, चक्कीपाट केंद्र की माया, टीला हुसैन केंद्र संचालिका मधु, कटरा गढ़रियान केंद्र की बृजलता, टीला शेखमनु की रजनी, सदर भट्टी की सुनीता देवी, शाहगंज की मिथलेश, राजा की मंडी संचालिका विमला देवी, कुम्हार पाड़ा की मिथलेश व माधुरी शर्मा, कजीपाड़ा की रेनू अस्थाना, चिक्की पाड़ा की खुशबू सहित 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निलंबित की गई हैं।

700 रुपये महीने में कैसे मिलेगा गोदाम
आगरा में हुए पुष्टाहार घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि सरकारी खाद्यान्न को पूरे सलीके के साथ बंदरबांट किया जाता था। आंगनबाड़ी केंद्र कैसे संचालित होते हैं, इसका सच भी पूछताछ में सामने आ गया। पुष्टाहार रखने के लिए कार्यकर्ता को गोदाम बनाना होता है। इसके लिए 700 रुपये महीना मिलता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि इतनी कम रकम में गोदाम कैसे बन जाएगा। रकम भी सालभर बाद दी जाती है। बमुश्किल भुगतान हो पाता है।

घोटाले की जड़ में पहुंचने की कोशिश
गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पुष्टाहार में अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए बंदरबांट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत ही सख़्त दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नर जे. रविन्दर गाैड़ को निर्देशित किया है कि मामले में कोई बचना नहीं चाहिए। पुलिस इस पूरे खेल की जड़ तक जाए। दोषी जो भी हो, कार्रवाई करें। गर्भ में पल रहे शिशु को मिलने वाले आहार की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश प्राप्त होने के बाद आगरा पुलिस कमिश्नरी के अधिकारी पुष्टाहार घोटाले की जड़ तक पहुंचने में जुटे हुए हैं। 

जांच में दो अफसरों के नाम सामने आए
आगरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के बाद दो अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। अब उन पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। जब पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए फोन किया तो एक की हालत बिगड़ गई। पुष्टाहार के बंदरबांट के साथ-साथ अब जिन आंगनबाड़ी केंद्रों की शिकायत पूर्व में हुई है, उनका भी डाटा निकलवाया जा रहा है। देखा जा रहा है कि शिकायत के बाद जांच हुई या नहीं, अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो अधिकारियों ने कोई कार्रवाई की या नहीं।

पुलिस को मिली महत्वपूर्ण जानकारी
इस मामले में डीसीपी सिटी सूरज राय का कहना है कि गोदाम संचालक प्रवीण अग्रवाल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भारती देवी और इंदु शर्मा को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। आरोपियों से पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। इन पर गोपनीय तरीके से टीम जांच में जुटी है। पुष्टाहार की कालाबाजारी में लिप्त सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि गोदाम मालिक से पूछताछ में जानकारी मिली है कि उन्हें रिफाइंड का एक कार्टन 1500 रुपये में मिल जाता है। इसे 2000 में खुले बाजार में बेच दिया करते थे। चना दाल भी 75 रुपये की जगह पर 100 रुपये तक में बिक जाती है। पुष्टाहार के माल की बिक्री करने से अच्छी खासी कमाई हो जाती थी। पुष्टाहार की कालाबाजारी करने से मोटा मुनाफा होता था और इसी मोटे मुनाफे से लालच बढ़ता गया और इस काम को लालच के चलते करते रहे। 

खाद्यान्न विभाग के कर्मचारियों की धड़कनें तेज 
गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पुष्टाहार की कालाबाजारी करने वाले कई कर्मचारी भी अब आगरा पुलिस के निशाने पर हैं। अब आगरा पुलिस ऐसे सभी कर्मचारियों के मामले में गोपनीय जांच कर रही है, जिनमें ये लोग संलिप्त थे। पुलिस ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की जांच के लिए सर्विलांस की भी मदद ले रही है। अब एक-एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कॉल डिटेल खंगालकर जानकारी जुटाई जा रही है कि वह किन-किन लोगों के संपर्क में हैं। पुलिस की जांच अब धीरे-धीरे बढ़ती दिखाई दे रही है और इसका दायरा भी बढ़ रहा है। जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही अब खाद्यान्न विभाग की कालाबाजारी करने वाले कर्मचारियों की धड़कनें तेज हो गई हैं। आने वाले समय पर किन कर्मचारियों पर गाज गिरेगी, यह कोई नहीं जानता। पुलिस की जांच से अब यह साफ हो गया है कि अब इस मामले में कोई बचेगा नहीं। 

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