उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला : भगवान का रथ खींचने की होड़, भगवान के जयकारों से गूंजा मथुरा

UPT | दर्शन करते भक्त

Apr 02, 2024 18:17

उत्तर भारत के प्रसिद्ध रंगनाथ मंदिर के ब्रह्मोत्सव अंतर्गत चंदन की लकड़ी से निर्मित करीब 60 फीट ऊंचे रथ में विराजमान ठाकुर गोदारंगमन्नार भगवान के दर्शन एवं रथ खींचने...

Mathura News (Vinod Sharma) : उत्तर भारत के प्रसिद्ध रंगनाथ मंदिर के ब्रह्मोत्सव अंतर्गत चंदन की लकड़ी से निर्मित करीब 60 फीट ऊंचे रथ में विराजमान ठाकुर गोदारंगमन्नार भगवान के दर्शन एवं रथ खींचने के लिए सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। दक्षिण भारतीय शैली में वेदमंत्रोच्चारण के मध्य पूजा अर्चना के साथ जैसे ही रथ में विराजमान ठाकुरजी की सवारी शुरू हुई, तो पूरा मेला परिसर ठाकुर गोदारंगमन्नार के जयकारों और दक्षिण भारतीय वाद्ययंत्रों की गूंज से गुंजायमान हो उठा। हर कोई भगवान गोदारंगमन्नार के दर्शन करके रथ को खींच कर पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए लालायित दिख रहा था। 

तीन घंटे में रथ ने तय किया एक किलोमीटर का सफर 
वैदिक रीति रिवाज से मंदिर के पुरोहित विजय किशोर मिश्र और गोविंद किशोर मिश्र ने वेदमंत्रोच्चारण कर देव आह्वान, नवग्रह स्थापन, गणपति आह्वान आदि देवों का पूजन वंदन कर दसों दिशाओं को सुरक्षित कराए जाने के उपरांत पेठे की बलि दी गई। लगभग तीन घंटे में रथ ने करीब एक किलोमीटर सफर तय किया। दोपहर 12 बजे रथ बड़ा बगीचा पहुंचा। जहां विश्राम के उपरांत रथ मंदिर के लिए रवाना हुआ। 

दर्शन और पवित्र रथ खींचने से पूर्ण होती है मनोकामना 
रथ घर से ठाकुरजी को पुनः पालकी में विराजमान कर बगीची में विराजित कर शाम के समय ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के उद्देश्य से रंग बिरंगे फब्बारे चलाए गए। ऐसी मान्यता है कि रथ में विराजमान ठाकुरजी के दर्शन और उनके पवित्र रथ को खींचने से भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है और उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। विशाल रथ में विराजमान ठाकुरजी की झलक पाने के लिए आसपास के ग्रामीण इलाकों समेत अलीगढ़, आगरा, हाथरस समेत भरतपुर और हरियाणा से भी भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।

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