Aligarh News : CAA पर AMU छात्र ने कहा- मजहब की बुनियाद पर नहीं, इंसानियत के आधार पर बने कानून 

UPT | CAA को लेकर एएमयू में हुई थी झड़पें (फाइल)

Mar 12, 2024 18:04

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बाद अलीगढ़ में शांतिपूर्वक खामोशी है। हालांकि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। वहीं, एएमयू ...

Short Highlights
  • आजादी दिलाने में अहम योगदान है मुसलमानों का  
  • सरकार ने मजहब के बुनियाद पर बनाया कानून 
  • CAA को लेकर अलीगढ़ में हो चुका है बवाल 
Aligarh News : नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बाद अलीगढ़ में शांतिपूर्वक खामोशी है। हालांकि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। वहीं, एएमयू छात्र ने सीएए को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि कानून की बुनियाद मजहब के आधार पर नहीं होनी चाहिए। इंसानियत के आधार पर होना चाहिए। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश के हिंदुओं को नागरिकता दे रहे हैं। यह अच्छी बात है। 

आजादी दिलाने में अहम योगदान है मुसलमानों का
दिल्ली पुलिस द्वारा सजदा कर रहे मुस्लिम व्यक्ति के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए एएमयू छात्र सलमान गौरी ने कहा कि यह अधिकार और फ्रीडम पुलिस वाले को किसने दिया है। क्या मुस्लिम कौम लात खाने के लिए हिंदुस्तान में है। हमारे अब्बा, दादाओं ने हिंदुस्तान को आजाद कराया था, हालांकि उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर अलीगढ़ के लोग कोई भ्रम या विरोध न पैदा करें। 

सरकार ने मजहब के बुनियाद पर बनाया कानून
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय थियोलॉजी विभाग के पूर्व शिक्षक प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद अली ने बताया कि भाजपा सरकार ने मजहब की बुनियाद पर कानून बनाया है। कानून के जरिए लोगों को बांटा जा रहा है। विदेश में प्रताड़ित हिंदू भाइयों को यहां नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन मुसलमानों को यहां नागरिकता नहीं मिलेगी। यह संविधान के खिलाफ है। 

CAA को लेकर अलीगढ़ में हो चुका है बवाल
सीएए को लेकर के अलीगढ़ में पहले बवाल हो चुका है। कानून बनने के बाद विशेष सतर्कता रखी जा रही है। अलीगढ़ में कई संवेदनशील स्थानों पर फोर्स तैनात की गई है। एएमयू के छात्र नेताओं पर भी नजर रखी जा रही है। सीएए को लेकर शरजील इमाम ने देश को बांटने वाला बयान एएमयू में आ कर दिया था। जिसको लेकर शरजील इमाम आज भी जेल में है। वहीं, एएमयू में ही छात्रों को उकसाने के मामले में गोरखपुर के डॉक्टर कफील को मुंबई से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। वह करीब 8 महीने जेल में बंद रहे थे। 

शाहीन बाग की तर्ज पर अलीगढ़ में हुआ था धरना
दिसंबर 2019 में जब सीएए-एनआरसी कानून संसद में पारित हुआ था, तब अलीगढ़ में जमकर बवाल हुआ था। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और शाहजमाल में धरना चला था। तब तीन माह तक माहौल गर्म था। एएमयू छात्रों ने बाबे सैय्यद गेट पर धरना लगा दिया था। 15 दिसंबर को जामिया विश्वविद्यालय में पुलिस द्वारा लाठी चार्ज के बाद एएमयू कैंपस में अफवाह फैल गई। जिससे  छात्र यहां उग्र हो गए और उपद्रव हुआ। जिसे रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। दोनों ओर से काफी लोग घायल हुए थे। वहीं, ऊपरकोट इलाके में हुई फायरिंग में एक युवक तारिक की गोली लगने से मौत हुई थी। 

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